रायबरेली: संपूर्ण समाधान दिवस बना मजाक!, डीएम ने सवा घंटे में निपटा दी सुनवाई, मैडम के जाते ही अधिकारी भी हुए गायब!
फरियादियों को हर बार मिल रही मायूसी, सीएम योगी का आदेश भी अधिकारियों पर बेअसर!
रायबरेली। जनता को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के लिए भले ही योगी सरकार ने संपूर्ण समाधान दिवस की सहूलियत जनता को दे रखी है लेकिन अधिकारियों ने संपूर्ण समाधान दिवस को मजाक बना रखा है। शनिवार को रायबरेली जिलाधिकारी हर्षिता माथुर लालगंज तहसील दिवस पहुंची लेकिन उन्होंने मात्र सवा घंटे ही सुनवाई की और 12 बजे किसी जरूरी मीटिंग में शामिल होने के लिए रायबरेली निकल गईं। उनके साथ ही कप्तान साहब भी चले गए । डीएम और एसपी के निकलते ही जिला स्तरीय अधिकारियों को कौन कहे तहसील क्षेत्र के अधिकारी भी चलते बने। डीएम हर्षिता माथुर ने करीब आधा सैकड़ा प्रार्थना पत्रों की सुनवाई की और फरियादियों को कार्यवाही का भरोसा भी दिलाया।
जिले में संपूर्ण समाधान दिवस में फरियादियों की भीड़ उमड़ती है लेकिन कुछ लोगों को ही न्याय मिल पाता है और बाकी फरियादियों को आश्वासन सा संबल देकर इस महत्वपूर्ण दिवस को निपटा दिया जाता है। हाल यह है कि आईजीआरएस पोर्टल पर सैकड़ों की तादात में फरियादियों की शिकायत पड़ी है और उस पर केवल त्वरित निस्तारण का टैग लगा दिया जाता है। इस भीषण सर्दी में परेशान लोग अपनी परेशानी दूरप करने की मंशा से संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे लेकिन हाथ सिर्फ मायूसी आई। डीएम हर्षिता माथुर मात्र सवा घंटे संपूर्ण दिवस में रहीं तो साथ ही नए एसपी अभिषेक अग्रवाल भी पहला दिन होने के कारण डीएम के बाद मुख्यालय चले गए।
फरियादियों को उम्मीद थी कि जो अन्य अधिकारी हैं वह उनकी समस्या तो सुनेंगे लेकिन यह अधिकारी दोनों साहब के निकलते ही खुद भी निकल गए। इनको इसका भी ख्याल नहीं रहा कि सर्दी में फरियादी किसी तरह फरियाद लेकर पहुंचा है। कम के कम उसकी समस्या को सुन ही लिया जाए। यह हाल किसी एक समाधान दिवस का नहीं है। हर माह यही कहानी दोहराई जाती है। किसी तरह अनदेखी की जाती है कि उसकी बानगी है कि संपूर्ण समाधान दिवस में 123 शिकायतों में से 9 का का ही निस्तारण हो सका।
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