ED अधिकारियों पर हमले से बंगाल में सियासी बवाल, भाजपा ने मांगा ममता बनर्जी का इस्तीफा

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Published By Vishal Singh
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में (प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों पर हुए हिंसक हमले के बाद बंगाल में  सियासी बवाल हो गया है। एक तरफ जहां राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य सरकार फेल रही तो संविधान के अनुसार कार्रवाई करेंगे तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने इस हमले में रोहिंग्या के शामिल होने का आरोप लगाते हुए सीएम ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है।

बीजेपी ने ममता से मांगा इस्तीफा
बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि हमले में रोहिंग्या घुसपैठियों को शामिल किया गया था। यह घटना ममता बनर्जी की नाक के नीचे घटी है। मुख्यमंत्री ने संविधान की शपथ ली। कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है। ऐसा ममता बनर्जी का इतिहास रहा है। चुनाव के बाद हिंसा हुई। अपराधियों को आश्रय मिलता है। ममता बनर्जी अराजकता की प्रतीक हैं। इससे पहले सीबीआई अधिकारी के कमरे में बंद कर दिया गया था। राज्य में जंगलराज है। ममता बनर्जी को इस्तीफा देना चाहिए। जंगल राज चल रहा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सीएम की कुर्सी पर बने रहने का अधिकार नहीं है। हमले के शिकार हुए ईडी अधिकारियों से सीएम को माफी मांगनी चाहिए। जब सीएए की बात हुई थी, तो ममता बनर्जी ने रोहिंग्या का पक्ष लिया था।

बंगाल में ईडी पर हमले की एनआईए जांच की मांग 
वहीं, सुवेंदु अधिकारी और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच की मांग की। श्री अधिकारी ने कहा,“भयानक! पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति जर्जर है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी के दौरान उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखली में ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ जवानों पर बेरहमी से हमला किया गया। मुझे संदेह है कि राष्ट्र-विरोधी हमलावरों के बीच रोहिंग्या मौजूद हैं।" राष्ट्र-विरोधी हमलावरों के बीच।” 

उन्होंने कहा,“मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेने और इस अराजकता को कुचलने के लिए उचित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।” उन्होंने कहा, “एनआईए से भी मामले की जांच करानी चाहिए।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में श्री मजूमदार ने कहा,“संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हुए जघन्य हमले के बाद पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति टीएमसी की वजह से चरमरा गई है। शाह से आग्रह है कि वह बंगाल के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मामले की एनआईए जांच शुरू करायें।” 

गौरतलब है कि ईडी के अधिकारियों की एक टीम को शुक्रवार को उत्तर 24 परगना में संदेशखली के ब्लॉक स्तर के नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी के दौरान बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग द्वारा हमला किए जाने के बाद अपने छापे छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कथित वैधानिक राशन वितरण घोटाले की जांच कर रही ईडी शुक्रवार सुबह उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में शाहजहां शेख के घर छापेमारी करने पहुंची थी। 

ईडी के अधिकारियों ने टीएमसी नेता के घर के गेट को अंदर से बंद पाकर उसे तोड़ने की कोशिश की। केंद्रीय सशस्त्र बलों के साथ आए ईडी अधिकारियों को ताले तोड़ने की कोशिश करते देख टीएमसी कार्यकर्ताओं ने तुरंत केंद्रीय जांच अधिकारियों पर हमला कर दिया जिन्होंने आखिरकार अपनी सुरक्षा के लिए छापेमारी छोड़ दी। ईडी अधिकारियों ने कहा कि वे सुरक्षित हैं और हमला होने के डर से उन्होंने छापेमारी छोड़ दी। उन्होंने बताया कि ईडी शुक्रवार सुबह से दो ब्लॉक स्तर के नेताओं और उनके रिश्तेदारों के परिसरों पर छापेमारी कर रही है। ईडी दो ब्लॉक स्तर के नेताओं शाहजहां शेख और शंकर अध्या तथा उनके रिश्तेदार के दो परिसरों की तलाश में संदेशखाली गई थी। 

ईडी ने आरोप लगाया कि हमलों में उनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने छापेमारी को कवर करने गए मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा। सूत्रों ने बताया कि हमले में मीडियाकर्मियों के कैमरे और मोबाइल फोन क्षतिग्रस्त हो गए। शाहजहा जिला मत्स्य एवं पशुपालन कार्यकारी से जुड़ा हुआ है, जिसे गिरफ्तार वन मंत्री व पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक का करीबी सहयोगी बताया जाता है। मल्लिक अभी जेल में बंद हैं। 

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