अयोध्या: प्राण प्रतिष्ठा के लिए दो मंडप और नौ हवन कुंडों का होगा निर्माण
अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा के लिए जन्म स्थान पर बने भव्य राम मंदिर में देवात्म का वास होगा। जिसके लिए मंदिर चारों दिशाओं में अनुष्ठान किया जाएगा। 16 जनवरी से वैदिक ब्राह्मण अनुष्ठान को शुरू करने के लिए तैयारी करने के लिए गुरुवार को काशी से आचार्यों की एक टोली अयोध्या पहुंची है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामजन्मभूमि परिसर में दो मंडप में नौ हवन कुंडों का निर्माण किया जाएगा। इसमें आठ कुंड आठ दिशाओं में होगा, जबकि एक कुंड आचार्य के लिए बनाया जाएगा। 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। 17 जनवरी को रामलला को नगर भ्रमण कराया जाएगा। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभिजीत मुहूर्त मृगशिरा नक्षत्र में 12.20 मिनट पर होगा। षोडशोपचार पूजन व महापूजन को मिलाकर गर्भगृह में कुल पूजा का वक्त 40 मिनट का होगा। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गर्भगृह में 10 से 11 लोग मौजूद होंगे।
काशी के आचार्य ने बताया कि कुंड की ज्यामिति एक विज्ञान है, जो फल देने वाली होती है। शास्त्रीय पद्धति से आठों दिशाओं में आठ कुंड बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक कुंड में तीन सीढि़यां होंगी। ऊपर की सफेद पीढ़ी विष्णु के लिए, बीच की लाल सीढ़ी ब्रह्मा और अंतिम काली सीढ़ी भगवान रुद्र के आह्वान के लिए बनाई जाएगी।
कुंड की लंबाई और चौड़ाई 25. 5 इंच होगी। तीन सीढि़यां चार-चार इंच की होगी। शास्त्रीय तरीके से कुंड के पूरे पांच अंग बनाए जाएंगे। ये हवन कुंड 10 जनवरी तक बनकर तैयार हो जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित व गणेश्वर द्रविड़ के निर्देशन में होना है। ये दोनों आचार्य अपनी टीम के साथ 12 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएंगे।
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