रायबरेली: दो पुजारियों की मौत का सबब रही मंदिर की बेशकीमती जमीन का फिर गरमाया मुद्दा, बीजेपी नेता के पत्र से...

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Published By Sachin Sharma
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ऊंचाहार, रायबरेली। पैसा और रसूख हो तो हत्या जैसा जघन्य अपराध भी कोई मायने नहीं रखता। मंदिर की पवित्र जमीन पर आसानी से कब्जा हो जाता है और कोई उसे मुक्त नहीं करा पाता। ऐसा ही कुछ मसला है ऊंचाहार के राम जानकी मंदिर का। कई वर्षों से मंदिर की बेशकीमती जमीन माफियाओं के चंगुल में है। अब भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रांतीय मंत्री अभिलाष कौशल ने इस मामले में अधिकारियों को पत्र लिखा है तो मामला पुनः गरम हो रहा है।

एक तरफ अयोध्या के राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरी सरकार संजीदगी से लगी है तो दूसरी ओर मंदिर की जमीन मुक्ति को लेकर भाजपा नेता के पत्र ने अधिकारियों के सामने बड़ी असहज स्थित पैदा कर दी है। मामला क्षेत्र के गांव बाबा का पुरवा स्थित राम जानकी मंदिर का है। इस मंदिर के नाम बड़ी मात्रा में बेशकीमती जमीन थी जिसमें से अधिकांश जमीन पर कब्जा हो चुका है।

भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रांतीय मंत्री अभिलाष कैशल ने जिलाधिकारी और एसडीएम और कोतवाल को पत्र लिखकर मंदिर की बेशकीमती जमीन को मुक्त कराने की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि गांव के भूमि गाटा संख्या 1823 राजस्व अभिलेखों में मंदिर के नाम दर्ज है। इसमें करीब सात सौ पेड़ विभिन्न प्रजाति के लगे हुए थे। इन पेड़ों को बिना मंदिर संचालकों की अनुमति लिए काट डाला गया है। यही नहीं पेड़ों के जड़ तक जेसीबी मशीन से खोद डाला गया और पेड़ों के स्थान पर मिट्टी डालकर साक्ष्य छिपाने की कोशिश की गई है। उनका आरोप है कि गांव की इसी भूमि पर कब्जा करके पंचशील डिग्री कालेज की बाउंड्री और भवन बना लिया गया है।

मंदिर की जमीन को लेकर दो पुजारियों की हो चुकी हत्या

मंदिर की बेशकीमती जमीन के विवाद में दो पुजारियों बाबा सत्यनारायण दास और बाबा प्रेमदास की हत्या हो चुकी है । दोनो हत्याओं में डिग्री कॉलेज की संचालक सत्यभामा के पति बीएन मौर्य और उनके साथियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत हुआ था। आरोप है कि पैसा और रसूख के कारण हत्या जैसे जघन्यतम अपराध में भी दोषियों की गिरफ्तारी तक नही हुई है । इन हत्याओं में बाबा प्रेम दास की हत्या के समय स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल काटा था। मौके पर आईजी और कमिश्नर को भी आना पड़ा था लेकिन बाद में पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

भाजपा नेता के पत्र से मची खलबली 

भाजपा नेता द्वारा मंदिर की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखने के बाद प्रशासनिक अमले में खलबली मची है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को समय राम जानकी मंदिर की भूमि का मामला सामने आने को लेकर प्रशासन संवेनशील हो चुका है।

एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी का कहना है कि मंदिर की भूमि का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है । मौके पर यथास्थित बनी रहे , इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मंदिर की भूमि को हर हालत में मुक्त कराया जायेगा।

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