सुल्तानपुर : बेटी के साथ लेखपाल बने रिटायर्ड सूबेदार
सेवानिवृत्त होने के बाद बेटा-बेटी के साथ तैयारी में जुट गए थे सैनिक रवींद्र त्रिपाठी
सुल्तानपुर, अमृत विचार। कहते हैं कि पढ़ने, सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। इसको सच कर दिखाया है कि सुलतानपुर जिले के बल्दीराय तहसील के उमरा (पूरे जवाहर तिवारी) गांव के रिटायर्ड सूबेदार रवींद्र त्रिपाठी ने। उप्र अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की ओर से घोषित राजस्व लेखपाल के परीक्षा परिणाम में अपनी बेटी प्रिया के साथ पहले ही प्रयास में सेवानिवृत्त सैनिक रवींद्र ने भी सफलता हासिल की है।
रवींद्र बताते है कि देश सेवा के बाद अब समाजसेवा का भी मौका मिला है। इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद 19 साल की उम्र में रवींद्र ने पांच मार्च 1991 में सेना में भर्ती हुए। नौकरी में रहते हुए व्यक्तिगत आवेदन फार्म भरकर राणा प्रताप महाविद्यालय से 2004 में स्नातक की परीक्षा की उत्तीर्ण की। सेना में 28 साल की सेवा के बाद सूबेदार के पद से 2019 मेें रिटायर्ड हुए रवींद्र गांव नहीं लौटे। बेटी प्रिया त्रिपाठी व बेटा दीपेंद्र त्रिपाठी के साथ लखनऊ में बैंकिंग सेक्टर में जाने के लिए तैयारी करने में जुट गए। बताते हैं कि इस दौरान उन्होंने अपनी पुत्री के साथ एसबीआई पीओ की प्री परीक्षा पास कर ली, लेकिन मेन्स में निराशा हाथ लगी। फिर 2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस में उप निरीक्षक पद पर चयन हुआ। पीटीएस मुरादाबाद में ट्रेनिंग के लिए नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों मिला।
वे बताते हैं कि परिवार के साथ रहने के चलते वहां ज्वाइनिंग नहीं किया। इस दौरान बेटा दीपेंद्र का चयन पोस्ट ऑफिस में हो गया। बीते शनिवार के देर शाम आए राजस्व लेखपाल के परीक्षा परिणाम में बेटी के साथ रवींद्र का भी नाम दिखा तो पूरा परिवार खुशी से उछल पड़ा। अब बेटी के साथ वे भी लेखपाल की नौकरी करेंगे। रवींद्र बताते हैं कि देश सेवा किया है। अब समाजसेवा करेंगे। वे युवाओं से कहते हैं कि लगन व मेहनत से हम कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं। वे युवाओं को मोबाइल की जगह किताबों से दोस्ती करने की सलाह देते हैं।
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