पीडब्लूडी को नहीं यातायात का ज्ञान, इनकी मानें तो जा सकती है जान
दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र हो या जज और अफसरों की चौखट पर लगा दिए गलत खतरे के संकेतक
कवेन्द्र नाथ पाण्डेय /बाराबंकी, अमृत विचार। यदि आप उत्तर प्रदेश के किसी हाईवे से गुजर रहे हैं। तो सड़क पर लगाए गए यातायात संकेतक पर कतई ध्यान न दें। यातायात संकेतक का अनुपालन करने में आपकी जान भी जा सकती है। क्योंकि न केवल नेशनल हाईवे बल्कि लोक निर्माण विभाग ने भी सड़कों पर गलत यातायात संकेतक लगा रखे हैं। यह संकेतक भी ऐसे स्थान पर लगाए गए हैं जहां से न केवल प्रशासनिक अधिकारी बल्कि परिवहन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी उधर से गुजरते हैं।
यातायात माह नवंबर बीत गया और अब सड़क सुरक्षा पखवाड़ा बीतने को है। मगर, इस दौरान भी किसी की नजर बाराबंकी शहर से गुजरे लखनऊ- अयोध्या हाईवे पर लगाए गए गलत संकेतक पर नहीं गई। यहां पर पीडब्लूडी ने इन्हें दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र से लेकर जिला जज के कार्यालय व आवास तथा नवाबगंज तहसील के सामने भी गलत खतरे के संकेतक आब्जेक्ट हेजार्ड लगा रखे हैं।
राजधानी से सटे बाराबंकी को पूर्वांचल का द्वाराऐसे माना जाता है। प्रभु राम की नगरी अयोध्या में बनकर तैयार भव्य श्रीराम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा भी 22 जनवरी को होगी। इसमें देश ही नहीं विदेशों के वीवीआई व वीआईपी बाराबंकी से होकर गुजरेंगे। ऐसे में बाराबंकी में हाईवे पर लगाए गए संकेतक यातायात नियमों के जानकारों के लिए मुसीबत बन सकते है। यह हाल तब है जब एक आम आदमी ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर बाइक का लाइसेंस बनवाने सीधे एआरटीओ कार्यालय पहुंच जाए। तो उसके टेस्ट में यातायात के नियमों के ऐसे प्रश्न पूछे जाते है ताकि उसे फेल किया जा सके। इसके बाद वह किसी कमासूत के माध्यम से लाइसेंस बनवाने आए तो लाभ मिल सके। मगर, हादसे रोकने को लेकर लंबे समय से शहर के हाईवे पर लगे गलत संकेतकों पर उप संभागीय परिवहन अधिकारी से लेकर यातायात पुलिस व अफसरों की नजर नहीं पड़ी। ऐसे में जहां आए दिन वाहन टकराने से हादसे होते है तो यातायात नियमों का पालन करने वाले कई बार नहर व नाले में जाते-जाते बचे।
शहर का कुरौली चौराहा और असेनी मोड को ब्लैक स्पॉट दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके बावजूद यहां पर आब्जेक्ट हिज्रारड गलत लगा दिए गए। इतना नहीं नही डीएम आवास के सामने जहां आब्जेक्ट हिज्रारड सही लगाया गया। वहीं पर नवाबगंज तहसील और जिला जज आवास और नगर कोतवाली के सामने गलत लगा दिया गया। जिस पटेल चौराहे पर 24 घंटे यातायात पुलिस मौजूद रहती है। इसके बावजूद यहां पर लगे गलत आब्जेक्ट हेजार्ड पर किसी की नजर नहीं पड़ी। रामनगर तिराहे पर और कुरौली नहर के पास भी इस तरह से आब्जेक्ट हेजार्ड को लगाया गया है। उसके अनुरूप चले तो सीधे नहर और माइनर में गिरने से कोई नहीं रोक सकता। नगर कोतवाली के पास तो कई बार डंपर व वाहन डिवाइडर पर चढ़ने से दुर्घटनाएं भी हुई।
क्या है आब्जेक्ट हेजार्ड और उसके संकेत
यातायात को खतरे का संकेत बताने के लिए आब्जेक्ट हेजार्ड लगाया जाता है। पीली व काली तथा सफेद व काली पट्टी में लगाए जाने वाले यह आब्जेक्ट हेजार्ड जिस दिशा में नीचे पट्टी झूकी होती है। उधर से गुजरने का संकेत देती है। वही विपरीत दिशा में खतरा होने का संकेत देती है। यातायात नियमों में इसका प्राविधान है। मगर, बाराबंकी में पीडब्लूडी के इंजीनियरों के यातायात को ज्ञान को माने तो कुछ आब्जेक्ट हेजार्ड को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश खतरे को आंमत्रित कर रहे है।
दरोगा ने उठाए सवाल तो शुरू करा दी जांच
बाराबंकी- बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुढ़वल पेट्रोल पंप के पास संकेतक न लगे होने के कारण पांच मई को नगर पंचायत के चुनाव प्रचार कर रहे एक युवक की मौत हो गई। इसी स्थान पर चार जून को दो टेलर की आमने-सामने की भिडंत में बाइक सवार दो युवकों समेत चार की मौत हो गई है। इस मामले को लेकर यातायात के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर संजीव पाल ने रामनगर थाने में तहरीर दी। इस पर एनएचएआई पर केस दर्ज करने की बजाय उलटे सब इंस्पेक्टर जांच शुरू करा दी गई।
वर्जन-
हाईवे पर लगाए गए सड़क सुरक्षा के संकेतक गलत लगे होने की जानकारी नहीं है। जल्द ही इसका अध्ययन कराने के बाद उनके सुधार के साथ संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
सत्येंद्र कुमार, जिलाधिकारी बाराबंकी
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