पीलीभीत: UPSC में सफलता न मिलने पर डिप्रेशन में गए जामिया के पूर्व छात्र की मौत, गांव में पसरा मातम
पीलीभीत /पूरनपुर,अमृत विचार। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तैयारी कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के एक पूर्व छात्र की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता नहीं मिलने के चलते छात्र डिप्रेशन में बताया जा रहा था। डॉक्टरों के हवाले से परिजनों ने भी इसकी पुष्टि की है। अचानक हुए इस हादसे से गांव में मातम पसर गया।
मृतक छात्र महरोज खान ग्राम जादौपुर गहलुईया निवासी कमरुल हसन का बेटा है। तीन भाइयों में सबसे बड़े महरोज ने बरेली के एक निजी कॉलेज से बीएससी की। शैक्षिक सत्र 2015-16 में उन्होंने दिल्ली के जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से मैथमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस में एमएससी की। इसके बाद वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए। दो साल दिल्ली में तैयारी की। कोविड-19 के दौरान घर चले आए थे। तब से घर पर रहकर ही तैयारी कर रहे थे।
शनिवार रात करीब 9:30 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। वह उल्टियां करने लगे। घरवालों ने स्थानीय चिकित्सक को बुलाकर जांच कराई तो महरोज का ब्लड प्रेशर 220 के करीब दर्ज हुआ। घबराए परिजन उन्हें लेकर पूरनपुर के एक निजी चिकित्सक के पास पहुंचे। डॉक्टर ने दिमाग की नस फटने की स्थिति बताते हुए बरेली ले जाने की सलाह दी। परिजन बरेली लेकर जा रहे थे कि रास्ते में ही महरोज की सांसे थम गईं। फिर भी घरवाले उन्हें डॉक्टरों के पास लेकर भटकते रहे। इस उम्मीद में कि शायद बेटा बच जाए। आखिर में डॉक्टरों ने महरोज को मृत घोषित कर दिया।
पारिवारिक सदस्यों के मुताबिक महरोज पढ़ाई में हमेशा से ही तेज थे। घर पर भी पढ़ाई के साथ पांचों वक्त की नमाज पढ़ते। यहां तक कि मोबाइल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी पूरी तरह दूरी बनाए हुए थे। पूरा फोकस कंपटीशन की तैयारी पर था। लेकिन अचानक उनकी मौत की घटना ने परिवार के साथ ग्रामीणों को सदमा दे दिया है।
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक
बरेली कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर सुविधा शर्मा कहती हैं कि कंपटीशन की तैयारी करने वाले बच्चों पर मानसिक दबाव तो होता ही है। फिर वे यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। परीक्षाओं में असफल हुए। स्वभाविक है कि छात्र तनाव में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में परिवार को बच्चों का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। मसलन, किसी परीक्षा में सफलता नहीं मिलती है या लगातार भी असफल हो रहे हैं-तभी भी उन्हें हौसला दें कि निराश न हों, सफलता जरूर मिलेगी। नहीं भी मिलेगी तो जीवन में अच्छा करने के और भी कई क्षेत्र हैं। छात्रों को यही सलाह है कि खुद को डिप्रेशन की हालत में नहीं पहुंचने दें। सबसे पहले जीवन है। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
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