शाहजहांपुर: अधूरा पड़ा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, आग लगाकर हल्का किया जा रहा कूड़े का बोझ

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Published By Om Parkash chaubey
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उपकरणों का नहीं निकल पा रहा टेंडर, जिसके चलते सफेद हाथी बना भवन

शाहजहांपुर, अमृत विचार। डंपिंग ग्राउंड पर कूड़े का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और कूड़े से खाद बनाने वाला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पांच साल बाद भी अधूरा पड़ा है। कूड़े का बोझ कम करने के लिए डंपिंग ग्राउंड में आग लगाई जाती है, जिससे प्रदूषण फैल रहा है। प्लांट का भवन बने महीनों बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक यह सफेद हाथी बना है।

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इसमें यंत्र नहीं लगाए जा सके हैं। नगर निगम की ओर से कूड़ा प्रबंधन के लिए की जा रही कवायद नाकाफी साबित हो रही है। वर्तमान समय में शहर के 60 वार्डों से करीब 143 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इसमें मात्र 10 टन का ही निस्तारण हो पा रहा है। बाकी का कूड़ा ककरा स्थित डंपिंग ग्राउंड में डाला जाता है। नगर निगम की कूड़ा उठाने की व्यवस्था तो ठीक है, लेकिन निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं है।

कूड़ा उठाने के लिए निगम की ओर से 950 सफाईकर्मी लगाए गए हैं। 32 वाहन लगाए गए हैं और 27 टाटा मैजिक व 60 ई रिक्शा लगाए गए हैं। 150 'साइकिल ठेली भी लगाई गई हैं। इन माध्यमों से आसानी से कूड़ा डंपिंग ग्राउंड तक पहुंच जाता है, लेकिन निस्तारण नहीं हो पाता है।

कूड़ा ककरा स्थित डंपिंग ग्राउंड पर पहुंचाया जाता है। प्रतिदिन 143 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्रित किए जाने से कुछ ही वर्षों में डंपिंग ग्राउंड पर कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए। बताया जा रहा है कि यहां मांस के टुकड़े भी भारी मात्रा में फेंके जा रहे हैं। इसके चलते सैकड़ों की संख्या में पक्षी लगातार यहां रहते हैं।

नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा का कहना है कि वर्तमान समय में ककरा में डंपिंग ग्राउंड के पास एमआरएफ सेंटर का संचालन हो रहा है। जहां पर सूखे व गीले कूड़े को अलग-अलग करके खाद बनाई जाती है। खिलौली में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाए जाने के लिए सिविल वर्क पूरा कर लिया गया है। जबकि मैकेनिकल वर्क शेष है। उपकरण लगने के बाद यहां कूड़ा प्रबंधन शुरू हो जाएगा और कूड़े से खाद बनना शुरू हो जाएगा।

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