हल्द्वानी: कैथ लैब के लिए तीन बॉन्डधारी सुपर स्पेशलिस्ट ने दी सहमति
हल्द्वानी, अमृत विचार। सबकुछ ठीक रहा तो नए साल 2024 में कुमाऊं के हृदय रोगियों को कैथ लैब की सौगात मिल जाएगी। राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में कैथ लैब का निर्माण शुरू कराने में जुटा है। सबसे अच्छी बात है कि कैथ लैब निर्माण से पहले ही तीन सुपर स्पेशलिस्ट ने इसके संचालन को सहमति दे दी है।
एसटीएच कुमाऊं का एकमात्र सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। यहां रोजाना 1500 से 1800 रोगियों की ओपीडी होती है। इस अस्पताल में कुमाऊं के अलावा उत्तर प्रदेश तक से बड़ी संख्या में रोगी इलाज कराने पहुंचते हैं। एसटीएच में साल 2008 से हृदय विशेषज्ञ का पद खाली पड़ा है।
पूर्व में तैनात रहे डॉ. दीप पंत को सुविधाओं के अभाव में त्यागपत्र देना पड़ा था। उस दौरान करीब 100 से 150 हृदय मरीज रोजाना इलाज के लिए आते थे। मरीजों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने कैथ लैब बनाने की योजना बनाई। इसमें भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) सीएसआर फंड के माध्यम से मदद करेगा लेकिन करीब 3 करोड़ रुपये से कॉलेज प्रबंधन को कैथ लैब का ढांचा तैयार कर देना होगा।
इसके बाद ही बीईएल आधुनिक मशीनें व अन्य संसाधन देगा। चिंता थी कि कैथ लैब बनने के बाद इसका संचालन कैसे होगा। यह चिंता अब दूर हो गई है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से एमडी मेडिसिन की पढ़ाई कर चुके तीन बॉन्डधारी डॉक्टर वर्तमान में डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई कर रहे हैं। इन तीनों डॉक्टरों ने कैथ लैब संचालन के लिए सहमति दी है जो हृदय रोगियों के लिए बड़ी राहत की खबर है।
सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में हृदय रोगियों को निशुल्क इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज से एमडी मेडिसिन की पढ़ाई कर चुके तीन डॉक्टर डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई कर रहे हैं। पढ़ाई पूरी होने के बाद तीनों कैथ लैब में सेवाएं देंगे।
- डॉ अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी
