लापरवाही : बिना अलाव और कंबल के हलकू का जीना मुश्किल, हाकिम को फर्क नहीं
रायबरेली,अमृत विचार। कड़ाके की सर्दी में घर से निकलना मुश्किल है। सबसे अधिक दिक्कत उनके सामने है वह निराश्रित हैं। जो मजदूर परिवार के पेट पालने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर रात बिताने पर मजबूर हैं। उनके लिए सर्दी का एक-एक दिन काटना मुश्किल है। सड़क पर अलाव की कोई व्यवस्था प्रशासन ने नहीं की है वहीं कंबल तक का वितरण नहीं किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि शासन स्तर से भी इसे लेकर कोई पहल नहीं की गई है। केवल रैन बैसेरा को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। सवाल यह है कि क्या सारे निराश्रित और गरीब, दिहाड़ी मजदूर रैन बसेरा में ही बसेरा बनाते हैं। सड़क पर निगाह की जाए तो कूड़े के ढेर को जलाकर सर्दी से बचने का इंतजाम करने वालों की संख्या हकीकत को खुद बयां करती है।
पूस की सर्दी हमेशा से गरीब और किसान पर आफत बनकर आती है। शायद यही कारण था कि मुंशी प्रेमचंद को पूस की सर्दी में किसान पर होने वाले सितम को लेकर हलकू कथानक लिखना पड़ा। उसी दौरान से इस माह की सर्दी की मार सहना वाला हर गरीब हलकू माना जाने लगा। इस समय भी प्रेमचंद के हलकू सर्दी का सितम सह रहे हैं और हाकिमों की नजर उन पर नहीं है। हाल यह है कि ग्रामीण अंचलों में इतनी सर्दी में न तो कही अलाव जलते दिख रहे है न कंबल वितरण हो रहा है। ऐसे में जरूरतमंदों को सरकारी इमदाद का इंतजार है। बर्फीली हवाओं के साथ गलन भरी ठंड लोगों पर सितम ढा रही है लेकिन इस ठंड में गरीब-गुरबा के लिए सरकारी इंतजाम नाकाफी नजर नहीं आ रहे हैं। सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की आग से लेकर ठण्ड से बचने के लिए कंबल तक का इंतजार जरूरतमंदो को करना पड रहा है। लोग अपने घरो में खुद को ठण्ड से बचाने के लिए गर्म कपडो के साथ आग का सहारा लेने के लिए मजबूर है, वहीं प्रशासनिक अमला गरीबों व असहाय लोगो को इस ठण्ड से बचाने को लेकर उदासीन हैं।
बीते दिनों से पड रहे कोहरे वह गलन भरी सर्दी के बीच जहां सरकारी मुलाजिम अपने ऑफिस में लेट पहुंच रहे हैं वहीं ठंड से बचने के लिए कार्यालय में भी बंदोबस्त करके रखे हैं कोई हीटर के सामने आग सेक रहा है तो किसी को बहुत ठंड लग रही है। लेकिन लापरवाही का आलम है कि अभी सरकारी मुलाजिमो की नजर गरीबों को इस ठंड से बचाने के लिए नही गईं है। वही अभी न तो जरूरतमंदों को देने के लिए सरकारी कंबलों का बंदोबस्त हुआ है और न ही अलाव की समुचित व्यवस्था की गई है कुछ जगहों पर ही अलाव जला कर दिखावा किया जा रहा है। नगर पालिका व नगर पंचायतों ने तो कुछ जगहों पर अलाव जलवाया है जबकि तहसील प्रशासन द्वारा कही अलाव की व्यवस्था नही की गईं है, ऐसे में लोग ठण्ड से बचने के लिए कूड़ा करकट जलाकर आग तापते नजर आ रहे है।
डीएम ने रैन बसेरा का किया निरीक्षण
भीषण ठंडी को देखते हुए जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने शुक्रवार देर रात अपने मातहतो के साथ शहर की सड़कों पर निकल कर जहां रैन बसेरो, रेलवे स्टेशन, रोडवेज पर पहुंच कर वहां की व्यवस्थाओ को देखा और जरूरतमंदो को कंबल वितरित किये वही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए की इस भीषण ठंड में कोई भी निराश्रित गरीब खुले आसमान के नीच न सोये।
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