बदायूं: रसोई का जायका बढ़ा रहा बिना दूध वाला पनीर
बदायूं, अमृत विचार: कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। कवि दुष्यंत कुमार की इस पंक्ति को आत्मसात करते हुए काम कर रहे हैं दातागंज मार्ग पर बसे गांव मूसाझाग निवासी कृपा शंकर। जो पेशे से प्राइवेट शिक्षक हैं। वह उद्यान विभाग की ओर से लगाए जाने वाले मेला में जाते हैं।
जहां कर्मचारी के बताने पर उन्होंने एक प्लांट लगाने की तस्वीर अपने जहन में बसा ली। जिसे धरात पर लाकर तकदीर बदलने की कोशिश में लगे हैं। विभाग के सहयोग से बैंक से लोन लिया और सोया पनीर (टोफू) का प्लांट लगाया है। जहां वह बिना दूध के सोयाबीन का पनीर बनाते हैं।
दूध निकालकर उसे फाड़कर पनीर बनाया जाता है। बड़े मिष्ठान विक्रेताओं से लेकर शादी समारोह के ऑर्डर भी आने लगे हैं। कृपा शंकर के अनुसार सोया पनीर में कॉलेस्ट्राल की मात्रा न के बराबर होती है। साथ ही अंडे से ज्यादा प्रोटीन होता है।
बाजार में बिक रहे दूध का पनीर 280 रुपये प्रति किलो है जबकि यह पनीर ज्यादा पौष्टिक होने के बाद भी 180 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सोया पनीर की वजह से लोगों की दूध के पनीर पर निर्भरता कम हो गई है। डॉ. आशीष सारस्वत के अनुसार इस पनीर में प्रोटीन, कैल्शियम, जिंक, आयरन, सेलेनियम, एंटीऑक्सीडेंट जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं।
आइए जानते हैं सोया पनीर बनाने का तरीका
छोटे से कमरे में रखी यह मशीन आटा चक्की की तरह होती है। मशीन में सोयाबीन डाली जाती है। निर्धारित टेंप्रेचर पर मशीन चलाई जाती है। मशीन की प्रोसेस के बाद दूध बाहर आता है। जिसे फाड़कर सोया पनीर बनाया जाता है। यह खाने पर सोया का टेस्ट आता है लेकिन अगर नींबू का रस डाल दिया जाए तो इसका टेस्ट सामान्य पनीर की तरह हो जाता है।
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