पीलीभीत: फिर अन्नदाता की मेहनत को सिस्टम की लापरवाही ने कर दिया पानी-पानी, किसान हो गए परेशान..जानिए मामला

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Published By Moazzam Beg
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पीलीभीत, अमृत विचार। अन्नदाता किसान एक तरफ अपनी फसल का बाजिव दाम पाने के लिए जद्दोजहद में जुटा है। जिम्मेदार उसकी खुशहाल तस्वीर बया कर रहे हैं। वहीं तराई के कृषि प्रधान जिले में अन्नदाता अपनी पसीना बहाकर खड़ी कर गई फसल को बचाने के लिए परेशान है। 

टाइगर रिजर्व से बाहर आ रहे वन्यजीव पहले ही मुसीबत का सबब बने हुए थे। अब सिस्टम की लापरवाही ने पसीना बहा कर सींची गई फसल पानी पानी कर दी गई। उसे बचाने के प्रयास में जुट गए है। बिलसंडा के बाद माधोटांडा क्षेत्र में नगर पटरी फटने के बाद खेतो में फसल से अधिक पानी दिख रहा है। 

बता दें कि माइनरों की नहरों में सिल्ट सफाई कराने के नाम पर बरती जा रही लापरवाही किसान पर भारी पड़ रही है। रविवार रात माधोटांडा क्षेत्र के केसरपुर गांव के पास हरदोई ब्रांच नहर से निकली रजवाहा नहर की पटरी कट गई। इससे करीब 20 से अधिक किसानों की गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। एक खेत में नहर की रेत भरने से फसल नष्ट हो गई।  किसानों से मिली जानकारी पर सिंचाई विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। नहर को बंद कराने के बाद कट्टों में रेत भरकर मरम्मत कार्य शुरू किया गया। 

आरोप है कि इस बार रजवाहा में सिल्ट सफाई भी नहीं कराईं गई। नहर की पटरियां पतली कर दी गई। देरी से पानी छोड़ने के बाद नहर कटने से नुकसान बढ़ जाएगा। किसानों का आरोप है कि सफाई के नाम पर अफसरों ने लापरवाही बरती, उसका खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। इससे पहले निगोही ब्रांच नहर के अलावा चांदूपुर माइनर कटने से किसान परेशान हुए थे। इसके बाद यह घटना सामने आई है।  फसल डूबने से उनकी मेहनत बेकार हो गई।

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