रुद्रपुर: कस्तूरी के साथ नेपाल का अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार
रुद्रपुर, अमृत विचार। वाइल्ड लाइफ अभियान के तहत एसटीएफ, वन विभाग और डब्ल्यूसीसीबी ने खटीमा इलाके से नेपाल के रहने वाले एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से दो हिरन की कस्तूरी बरामद की है। बरामद कस्तूरी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये बताई जा रही है।
एसटीएफ सीओ सुमित कुमार पांडेय ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि नेपाल मूल का एक तस्कर नेपाल-खटीमा के रास्ते कस्तूरी ले जाने की फिराक में है। इस पर एसटीएफ प्रभारी एमपी सिंह, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली व तराई पूर्वी वन प्रभाग खटीमा की एक टीम बनाकर बताए गए स्थान पर घेराबंदी की गई।
इस दौरान खटीमा-पीलीभीत मार्ग पर एक युवक आता दिखाई दिया। टीम को देख वह भागने लगा लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया। तलाशी में उसके पास दो हिरण की कस्तूरी (64.55 ग्राम) बरामद की गई। पूछताछ में आरोपी ने खुद को पूर्ने विश्वकर्मा उर्फ हरिओम विश्वकर्मा निवासी ग्राम चायकोट, पालिका अंचल सेती, जिला डोटी नेपाल बताया। इस पर टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने यह भी बताया कि वह नेपाल-भारत सीमा के रास्ते वन्यजीवों के अंगों की तस्करी करता है। टीम ने आरोपी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर उसे खटीमा पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।
कौन है नेपाल का पूरन शिकारी
रुद्रपुर। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कस्तूरी के आरोपी से जब पूछताछ की गई तो कस्तूरी तस्कर पूर्ने विश्वकर्मा ने बताया कि नेपाल के रहने वाले पूरन लाल से वह वन्यजीवों के अंगों को प्राप्त करता था और उसके इशारे पर ही ग्राहकों को ढूंढता था। दो हिरन की कस्तूरी भी नेपाल निवासी पूरन ने दी हैं। ऐसे में एसटीएफ को आशंका है कि आरोपी खुद वन्यजीवों का शिकार करता होगा या फिर अपने नेटवर्क के जरिए शिकार करवाता होगा। कारण, आरोपी को पूरन शिकारी के नाम से जाना जाता है।
नेपाल से हरियाणा जा रहा था तस्कर
रुद्रपुर। नेपाल के शिकारी पूरन से दो हिरनों की कस्तूरी को लेने के बाद पकड़ा गया अंतरराष्ट्रीय तस्कर पूर्ने विश्वकर्मा नेपाल-खटीमा के गोपनीय रास्तों के जरिए कस्तूरी को हरियाणा बेचने जा रहा था। आरोपी को गोपनीय रास्तों का बेहतर ज्ञान है और अक्सर वन्यजीवों की तस्कर का पुराना अनुभव है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि नेपाल से संचालित नेटवर्क द्वारा कस्तूरी को हरियाणा ले जाने का संदेश मिला था। वहां किस व्यक्ति को कस्तूरी देनी थी यह सिंग्नल बाद में दिया जाता है।
