....सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने बांधा समां
अमृत विचार के चौथे स्थापना दिवस पर गोंडा के टाउन हॉल में आयोजित हुआ कार्यक्रम
गोंडा। अमृत विचार के चौथे स्थापना दिवस पर शनिवार को आयोजित रंगोली प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन के बाद समारोह के दूसरे चरण में सुरों की महफिल सजाई गयी। कवि सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए प्रख्यात हास्य कवि विकास बौखल ने पढ़ा कि "किसी खंजर से न तलवार से जोड़ा जाए, सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए, यह किसी शख्स को दोबारा न मिलने पाए, प्यार के रोग को आधार से जोड़ा जाए।" इसके पहले कवि सम्मेलन का शुभारंभ पंडरीकृपाल के पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्रमौलि मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया।

जिले के गांधी पार्क स्थित टाउनहाल में आयोजित इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के नामचीन कवियों ने शिरकत की। पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्रमौलि मिश्रा व जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष किरन सिंह ने आगंतुक कवियों को अंगवस्त्र व मोमेंटों देकर उनका स्वागत किया।
काव्य पाठ का शुभारंभ मध्य प्रदेश के कवियत्री मणिका दूबे ने मां सरस्वती की वंदना से किया। सबसे पहले जिले के कवि मनीष सिंह ने वीररस व हास्य रस की अपनी कविता से श्रोताओं को गुदगुदाया। कवि व पत्रकार अरविंद पांडेय ने राजेंद्रनाथ लहड़ी की स्मृति में पढ़ा- इस जमीं के लिए इस आसमां के लिए, आओ याद कर लें शहीदों को वतन के लिए पढकर काकोरी कांड के अमर शहीद को श्रद्धांजलि दी। नामचीन हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी प्रयागराज को सुनने के लिए लोग बेताब नजर आए। उन्होंने सभी को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया। उन्होंने पढ़ा- हम अपना दर्द बांटे या न बांटे पर हंसी बांटे, भुलाकर सारे ग़म अपने सभी के संग खुशी बांटे।
श्रृंगार कवयित्री हेमा पाण्डेय ने पढ़ा- पग महावर लगाया तुम्हारे लिए, रूप मैंने सजाया तुम्हारे लिए, सात जन्मों तलक तुम हमारे रहो, चांद को जल चढ़ाया तुम्हारे लिए। हैदरगढ़ बाराबंकी के मशहूर गीतकार शिव किशोर तिवारी खंजन ने अपनी काव्य पाठ से सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने पढ़ा- मिले यदि प्रेम का प्याला जहर भी जाम होता है, हृदय जो प्रेम में डूबा वह प्रभु का धाम होता है, है जिनका कार्य उत्तम और उत्तम है घराना भी, वहीं दशरथ का बेटा बनकर पैदा राम होता है सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
मध्यप्रदेश जबलपुर से आई श्रृंगार कवयित्री मणिका दुबे ने महफिल में समा बांध दिया। उन्होंने पढ़ा- शहर के शोर में वीरानियां हैं, यहां तुम हो मगर तन्हाईयां हैं, वहीं पर बैठकर अरसा गुजारूं, जहां तेरी मेरी परछाइयां हैं। उन्नाव से आए मशहूर गीतकार स्वयं श्रीवास्तव ने शानदार अंदाज में अपनी रचना पेश की। मुश्किल थी संभालना ही पड़ा घर के वास्ते, फिर घर से निकलना ही पड़ा घर के वास्ते, मजबूरियों का नाम हमने शौक रख लिया, हर शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते।अंत में कवि व शायर याकूब सिद्दीकी अज्म गोंडवी ने अपनी रचना पेश कर खूब तालियां बटोरी। इस कवि सम्मेलन को सुनने के लिए जिले के शिक्षक, समाजसेवी व संभ्रांत जन करीब पांच घंटे तक जमे रहे।
इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन हास्य कवि विकास बौखल बाराबंकी ने किया। लोगों ने विकास बौखल के संचालन की जमकर सराहना की। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय ने अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमोद मिश्रा, रेलवे परामर्शदात्री बोर्ड के सदस्य पंकज श्रीवास्तव, वरिष्ठ भाजपा नेता केके श्रीवास्तव, जिला समन्वयक समेकित शिक्षा राजेश सिंह, जिला समन्वयक एमडीएम गणेश गुप्ता, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के देवी पाटन मंडल अध्यक्ष पवन कुमार सिंह, जिला उपाध्यक्ष विनीता कुशवाहा, शरद कुमार सिंह, नरेंद्र कुमार सिंह, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष उदयभान प्रजापति, कृष्ण गोपाल दूरबार समेत अन्य मौजूद रहे।
सांसद ने पढ़ी कविता... मां बस यह वरदान चाहिए
अमृत विचार के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर शहर के टाउन हॉल में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी काव्य पाठ किया। उन्होने जीवन की कठिनाइयों से लड़ते हुए खुद को लक्ष्य तक पहुंचने की प्रेरणा देते हुए पढ़ा कि ह्रास मिले या त्रास मिले, विश्वास मिले या फांस मिले,गर्जे क्यों न काल ही सम्मुख,जीवन का अभिमान चाहिए, मां बस यह वरदान चाहिए। सांसद के गीत को समारोह में मौजूद लोगों ने जमकर सराहा।
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