नरेन्द्र मोदी काशी तमिल संगमम के दूसरे चरण का रविवार को करेंगे उद्घाटन

नरेन्द्र मोदी काशी तमिल संगमम के दूसरे चरण का रविवार को करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार 17 दिसंबर को वाराणसी के ‘नमो घाट’ पर ‘काशी तमिल संगमम-2023’ का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। विज्ञप्ति के अनुसार एक भारत, श्रेष्ठ भारत के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप,इस अवसर पर, प्रधानमंत्री कन्याकुमारी- वाराणसी तमिल संगमम ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल,केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे। काशी तमिल संगमम का पहला चरण 16 नवंबर से 16 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया गया था। काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 17 से 30 दिसंबर, 2023 तक काशी नगरी (वाराणसी) में शुरू होगा।

तमिल प्रतिनिधिमंडल का पहला जत्था शुक्रवार को चेन्नई से रवाना हुआ था। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 1400 ( 200 व्यक्तियों के 7 समूह) लोगों के तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से यात्रा करने की उम्मीद है। काशी प्रवास के दौरान वे अपने यात्रा कार्यक्रम के अनुसार प्रयागराज और अयोध्या भी जायेंगे।

विज्ञप्ति के अनुसार छात्रों (गंगा), शिक्षकों (यमुना), पेशेवरों (गोदावरी), आध्यात्मिक लोगों(सरस्वती), किसानों और कारीगरों (नर्मदा), लेखकों (सिंधु) और व्यापारियों और व्यावसायियों (कावेरी) के सात समूहों का नाम भारत की सात पवित्र नदियों के नाम पर रखा गया है और ये समूह चेन्नई, कोयम्बटूर और कन्याकुमारी से काशी तक यात्रा करेंगे।

आठ दिसंबर, को समाप्त हुए पंजीकरण के समय के दौरान 42,000 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए थे। उनमें से चयन समिति द्वारा प्रत्येक समूह के लिए 200 लोगों का चयन किया गया है। शिक्षा मंत्रालय इस आयोजन के लिए नोडल एजेंसी होगा। इसमें संस्कृति, पर्यटन, रेलवे, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण (ओडीओपी), एमएसएमई, सूचना और प्रसारण, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, आईआरसीटीसी और उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग की भागीदारी भी रहेगी।

पहले चरण के अनुभव का लाभ उठाते हुए और अनुसंधान के लिए अपनी प्रतिष्ठा को देखते हुए, आईआईटी मद्रास तमिलनाडु में और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) उत्तर प्रदेश में कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। प्रतिनिधि यात्रा कार्यक्रम में दाे दिन की बाहर की यात्रा, दाे दिन की बनारस की वापसी यात्रा और प्रयागराज और अयोध्या की एक-एक दिन की यात्रा शामिल होगी।

तमिलनाडु और काशी की कला और संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लगाए जाएंगे। आयोजन की पूरी अवधि के दौरान ज्ञान के विभिन्न पहलुओं जैसे साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ-साथ नवाचार, व्यावसायिक आदान-प्रदान, एडटेक और अन्य अगली पीढ़ी की आधुनिक प्रौद्योगिकियां पर सेमिनार, चर्चा, व्याख्यान आदि आयोजित किए जाएंगे।

इसके अलावा, तमिलनाडु और काशी के विभिन्न विषयों/व्यवसायों के विशेषज्ञ और विद्वान, स्थानीय प्रैक्टिसनर्स भी इन आदान-प्रदानों में भाग लेंगे ताकि विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक सीख से व्यावहारिक ज्ञान/इनोवेशन का एक समूह उभर सके।

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