हल्द्वानी: रेलवे के लिए शुरू हुई गौला नदी में फावड़े बेल्चों की खन खन
हल्द्वानी, अमृत विचार। गौला में फावड़े बेल्चों की खन-खन शुरू हो गई है हालांकि यह खनन पंजीकृत डंपर स्वामियों व श्रमिकों को रोजगार देने के लिए नहीं हुई है। रेलवे के शंटिंग नेक और ट्रैक की मरम्मत के लिए गौला नदी में खनन शुरू हुआ है।
वन विकास निगम के अधिकारियों के अनुसार, काठगोदाम रेलवे स्टेशन के शंटिंग व हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के ट्रैक नंबर-3 की मरम्मत व निर्माण, टूटे तटबंधों के निर्माण के लिए नदी में खनन की अनुमति दी गई है। काठगोदाम स्टेशन के शंटिंग नेक के लिए 60 हजार घनमीटर और हल्द्वानी के लिए 30 हजार घनमीटर रेता, बोल्डर वगैरह निकालने की अनुमति दी गई है। काठगोदाम में शीशमहल और हल्द्वानी में राजपुरा गेट से निकासी होगी।
इलेक्ट्रॉनिक कांटों नहीं, मैनुअली होगी नाप
गौला नदी से निकलने वाले उपखनिज पर प्रति क्विटंल रॉयल्टी वसूली जाती है। अब नदी में इलेक्ट्रॉनिक कांटों का विवाद हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए कांटे नहीं लगाए जा सकते थे। इस वजह से उपखनिज को मैनुअली नापा जाएगा। दोनों निकासी गेटों पर वन, वन विकास निगम, खनन व कार्यदायी एजेंसी के सदस्यों की एक संयुक्त समिति मौजूद रहेगी। गेटों पर आने वालों वाहनों की मैनुअली घनमीटर नाप की जाएगी। एक घनमीटर को 22 क्विंटल से मापा जाएगा। इस तरह रिकॉर्ड बनाया जाएगा और उपखनिज निकासी का ई-रवन्ना जारी होगा।
समिति करेगी निगरानी
खनन की निगरानी के लिए वन, राजस्व, खनन, रेलवे और वन विकास निगम के अधिकारियों की संयुक्त समिति गठित करेगी। यह समिति नदी से निकलने वाले उपखनिज का रिकॉर्ड पर निगरानी करेगी। साथ ही यह समिति समय-समय पर गेटों पर रिकॉर्ड पंजिका, चिन्हित स्थल आदि का भी जायजा लेगी।
काठगोदाम रेलवे स्टेशन के शंटिंग नेक व हल्द्वानी स्टेशन पर ट्रैक-3 के निर्माण एवं मरम्मत, टूटे तटबंधों की मरम्मत के लिए गौला नदी में शीशमहल व राजपुरा गेटों पर खनन हो रहा है। उपखनिज की मात्रा के आकलन के लिए मैनुअली घनमीटर में नाप होगी। फिर उस आधार ई-रवन्ना जारी किया जाएगा।
= धीरेश चंद्र बिष्ट, डीएलएल, वन विकास निगम
