पशु चिकित्सा के क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका अहम: कुलपति

पशु चिकित्सा के क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका अहम: कुलपति

कुमारगंज, अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में शुक्रवार को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हुई। नैनो टेक्नोलॉजी में प्रगति व पशु स्वास्थ्य में प्रयोग विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य संरक्षक कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि नैनो टेक्नॉलाजी एक तेजी से विकसित होने वाली तकनीक है जो चिकित्सीय अनुप्रयोगों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव डालती है। यह टेक्नोलॉजी पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है।

नेपाल के वैज्ञानिक डा. शीतल काजी ने कहा नैनो टेक्नोलॉजी निदान और उपचार वितरण की प्रणालियों को बढ़ाएगी। बताया कि नैनो अनुप्रयोगों का उपयोग अब जीव-जंतुओं के कल्याण, पालन पोषण, प्रसार और पोषण के क्षेत्र किया जा रहा है।बीएचयू के डा. रजत वार्ष्णेय ने बताया कि नैनो टेक्नोलॉजी फीड रोगजनकों में हेरफेर करने और रुमेन में किण्वन प्रक्रिया में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं।

अमेरिका से डा. राजीव बालियान व डा. मृगेंद्र राजपूत ने भी ऑनलाइन जुड़े। डाॅ. विभा यादव ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किया। नाहेप के वित्तीय सहयोग से हुई कार्यशाला का संयोजन डाॅ सत्यव्रत सिंह ने किया। डाॅ. प्रज्ञा द्विवेदी ने किया।

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