बरेली: बजी सरकारी शहनाई... 538 जोड़ों ने थामा एक दूसरे का हाथ
511 हिंदू जोड़ों ने लिए फेरे, 27 मुस्लिम जोड़ों ने कहा- निकाल कुबूल है
बरेली, अमृत विचार। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गुरुवार को बरेली क्लब में शहनाई की गूंज रही। दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन गुरुवार को 538 जाेड़ों की शादियां संपन्न कराई गईं। 511 हिंदू जोड़ों ने फेरे लेकर जीवन भर के लिए एक-दूसरे का हाथ थामा, जबकि 27 मुस्लिम जोड़ों ने तीन बार कुबूल है कहकर निकाह की रस्मों को पूरा किया। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने फूल बरसाकर नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया।
समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सुबह से ही कार्यक्रम स्थल पर जोड़ों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, डीएम रविंद्र कुमार, सीडीओ जगप्रवेश ने दूल्हा-दुल्हन के बीच जाकर बातचीत की। गायत्री परिवार ने हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 511 हिंदू जोड़ों को अग्नि काे साक्षी मानकर सात फेरे कराए। दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे का हाथ थामा और हमेशा सुख-दुख में साथ निभाने का वचन दिया। 27 मुस्लिम जोड़ों काे काजी ने निकाह पढ़ाकर कार्यक्रम को संपन्न कराया।
सीडीओ जगप्रवेश के अनुसार कार्यक्रम में 34, बिथरी चैनपुर के 24, फरीदपुर के 74, भुता के 137, फतेहगंज पश्चिमी के 83, मीरगंज के 77, भोजीपुरा के 90, नगर निगम के 13, नगर पालिका फरीदपुर के तीन, नगर पंचायत फतेहगंज पश्चिमी से एक, नगर पंचायत मीरगंज के दो जोड़ों का विवाह कराया गया है। जोड़ों को उपहार स्वरूप प्रेशर, डिनर सेट, सीलिंग फैन, बिछिया, पायल, बक्सा, क्रॉकरी सेट, पैंट-शर्ट कपड़ा, साड़ी आदि दी गई।
कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, आईजी डॉ. राकेश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, डॉ. डीसी. वर्मा, डीएम रविंद्र कुमार, वन मंत्री के प्रतिनिधि अनिल कुमार, सीडीओ ने नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया। परियोजना निदेशक तेजवंत सिंह, डीसी मनरेगा हसीब अंसारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी मीनाक्षी वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार, डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार समेत 20 जिला, ब्लॉक स्तरीय अधिकारी व्यवस्थाओं की देखरेख में लगे रहे। वहीं, 150 कर्मचारियों काे अलग-अलग जिम्मेदारी के लिए लगाया गया था।
पानी के लिए ग्लास तक नहीं, बड़ों के साथ बच्चों ने झेली दुश्वारियां
शादी में आए जोड़ों और उनके परिवार के बड़े लोगों के साथ बच्चों को पीने के पानी के लिए परेशानियां उठानी पड़ीं। यहां ग्लास की व्यवस्था नहीं की गई थी। जिस जगह पानी का टैंकर खड़ा था, वहां लोगों को हाथ से पानी पीना पड़ रहा था। इससे उस स्थान पर जलभराव हो गया। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हुई, जो माता-पिता के साथ आए थे। वे टैंकर के पास जाकर पानी पी नहीं सकते थे। ग्लास न होने के कारण परिजनों को बच्चों को पानी पिलाने में दिक्कत हो रही थी।
नाबालिगों ने साफ की जूठी प्लेट, अफसरों के सामने उड़ी बाल श्रम की धज्जियां
बाल श्रम के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने वाले अफसरों के सामने ही गुरुवार को सामूहिक विवाह के कार्यक्रम में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। 14 से 15 साल की उम्र के बच्चों से काम कराया जा रहा था। शादी में लोगों की जूठी प्लेट को कुछ नाबालिग उठाकर एक जगह इकट्ठा कर रहे थे तो कुछ प्लेट साफ कर रहे थे। यह सबकुछ अफसरों की नजरों के सामने होता रहा था, लेकिन इसके बाद भी वे नजरें फेरे रहे। बच्चों ने कहा कि उन्हें इसके लिए एक दिन का 400 रुपये मेहनताना मिलता है। इनमें से कई बच्चों को स्कूल की चौखट नसीब नहीं हुई है। जब यह मामला जिला समाज कल्याण अधिकारी मीनाक्षी वर्मा के पास पहुंचा तो वहां मौजूद सोमपाल नाम के व्यक्ति से पूछा कि वह कौन है। उसने बताया कि वह मेट है। ठेकेदार सुरेश हैं। इस पर उन्होंने कहा कि नाबालिगों को किसने काम पर लगाने के लिए कहा था। जेल जाने के लिए तैयार रहिए।
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