हल्द्वानी: आधार साइबर क्राइम - जब चपत लगेगी, तब भनक भी नहीं लगेगी
सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। साइबर अपराधियों ने आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम को ठगी का नया हथियार बना लिया है। ठगी को अंजाम देने के लिए ओटीपी, सीवीवी नंबर और किसी भी तरह की बैंक डिटेल की जरूरत भी नहीं है। अब ऐसा होने लगा है।
इन ठगों को जरूरत है सिर्फ आपके आधार नंबर और आधार में दर्ज आपके फिंगर प्रिंट की। साइबर अपराधी सिलिकॉन के फिंगरप्रिंट बनाकर बायोमेट्रिक मशीन और एटीएम से पैसे निकाल रहे हैं। उत्तराखंडवासियों के लिए राहत की बात सिर्फ इतनी है कि अभी तक इस तरह के मामले सामने नहीं हैं, लेकिन भारत के अन्य हिस्सों में कुछ घटनाएं सामने आई हैं। इसी साल जनवरी में हरियाणा के गुरुग्राम में एक ऐसा ही मामला दर्ज किया गया था। एक व्यक्ति के फिंगर प्रिंट्स की मदद से उसके अकाउंट से पैसे निकाल लिए गए। ऐसा ही एक मामला वर्ष 2022 भी सामने आया था।
वर्ष 2022 की मई में मुरादाबाद के संभल में एक ऐसा गिरोह पकड़ा गया था जो रबर का नकली अंगूठा बनाकर बैंक खातों से पैसे निकाल लेता था। ये गिरोह अनपढ़ लोगों की ई-केवाईसी कराने, ई-श्रम कार्ड बनाने और आधार कार्ड की ई-केवाईसी कराने आदि के नाम पर उनके आधार कार्ड व अंगूठे की छाप लेता था। जिसके बाद इसी छाप से सिलिकॉन रबर के क्लोन अंगूठे बनाकर बैंक खातों से पैसे निकालता था।
आधार कार्ड के जरिये साइबर क्रिमिनल ने क्राइम का नया तरीका तलाश लिया है। अभी तक हमारे पास इस तरह के मामले नहीं आए हैं, लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। बचाव के लिए अपने आधार को हमेशा लॉक रखें और किसी को भी आधार के अंतिम चार नंबर न दें।
- नितिन लोहनी, सीओ साइबर, नैनीताल
कम पढ़े-लिखे और सुदूर रहने वालों के लिए फायदेमंद
हल्द्वानी : आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) की मदद से सिर्फ आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट से ग्रामीण इलाकों और कस्बों में ज्यादातर लोग पैसों की निकासी और खाते में जमा कर रहे हैं। आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम से पैसा निकालने के लिए आपको किसी तरह की अन्य जानकारी देने की आवश्यकता नहीं होती है। सिर्फ आधार नंबर और फिंगरप्रिंट की मदद से आपके अकाउंट से पैसे निकाल दिया जाता है। इसके लिए सिर्फ आपके बैंक खाते से आधार से लिंक होना चाहिए।
ऐसे बायोमैट्रिक जानकारी जुटाते हैं ठग
हल्द्वानी : साइबर सिक्योरिटी जानकारों का कहना है कि लोगों के आधार नंबर आसानी से फोटो कॉपी की दुकानों, सॉफ्ट कॉपीज या इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। साइबर अपराधी लोगों की बायोमैट्रिक जानकारी निकालने के लिए एईपीएस का इस्तेमाल करते हैं। पैसा निकालने के लिए अपराधी आपका सिलिकॉन थम्ब्स बनाते हैं और फिर आसानी से खाते से पैसा निकाल लेते हैं।
किसी को भी न बताएं आधार के चार नंबर
हल्द्वानी : अगर आप इस ठगी से बचना चाहते हैं तो आप अपने आधार को लॉक करके रखें और जरूरत पड़ने पर इसे अनलॉक करके इस्तेमाल करें। डेटा लीक भी हो गया होगा तो भी लॉक करने पर कोई आपके आधार नंबर का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। वहीं मास्क आधार का भी उपयोग करके ठगी से बचा जा सकता है। कहीं भी आधार लगाते समय आखिरी के चार नंबर न दें।
क्या है एईपीएस और कैसे करता है काम
हल्द्वानी : आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) एक बैंक-आधारित मॉडल है जो आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके किसी भी बैंक के बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के माध्यम से पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) या माइक्रो-एटीएम पर ऑनलाइन इंटरऑपरेबल वित्तीय लेन-देन की अनुमति देता है। इसका उद्देश्य गरीब, सीमांत वर्गों व दूरवर्ती क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना है। इसमें ओटीपी, बैंक खाता विवरण और अन्य वित्तीय जानकारी की आवश्यकता नहीं होती। पैसों का लेन-देन करने के लिए केवल बैंक का नाम, आधार संख्या और कैप्चर किये गए फिंगरप्रिंट की जरूरत होती है।
