खटीमा: देवरी का सर्राफा व्यापारी हत्याकांड, पुलिस और एसओजी की टीम ने 8 घंटे में दबोचा तीनों बदमाश

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Published By Bhupesh Kanaujia
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खटीमा, अमृत विचार। देवरी के सर्राफा व्यापारी की बीती देर सायं गोली मारकर की गई हत्या के मामले में कोतवाली सहित कई थानों की पुलिस और एसओजी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आठ घंटे में हत्या के तीनों आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद पुलिस को जगह-जगह लगे सीसीटीवी से मदद मिलती रही और पुलिस आगे बढ़ती रही। और अपराधी तक जा पहुंची।
 
कोतवाली में आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल ने देवरी के ज्वेलर्स रमेश रस्तोगी हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम पौने आठ बजे देवरी के आराधना ज्वेलर्स के स्वामी रमेश रस्तोगी को गोली मारने की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। उन्होंने कहा कि ज्वेलर्स की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने कारवाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि तत्काल मामले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस को कड़े निर्देश दिए गए।
 
वहीं बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए खटीमा के साथ-सा सितारगंज, नानकमत्ता, झनकईया थाने की पुलिस को भी लगा दिया गया।पुलिस के साथ हो एसओजी टीम भी घर पकड़ की कार्रवाई में छूट गई पुलिस ने घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरा को खाते हुए झनकट तक पहुंची लेकिन इससे कुछ पहले ही बदमाशों की बाइक नहीं दिखी। जिस पर पुलिस ने गिद्धौर को जाने वाले मार्ग पर लोगों को सीसीटीवी से ली गई फुटेज दिखाई। जिस पर लोगों ने इस मामले के खुलासा करने में खासी मदद की और पुलिस ने आरोपियों के घर पहुंच कर फुलैया निवासी सुरेंद्र सिंह, उसका पुत्र विक्रमजीत सिंह और भतीजा लखविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
 
इसने उनके कब्जे से 315 बोर के तीन तमंचे स्प्लेंडर मोटरसाइकिल और प्रयुक्त किया गया। हेलमेट भी बरामद कर लिया पुलिस ने मात्र 8 घंटे में आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। यह भी बताया कि बदमाशों ने तमंचे पीलीभीत से खरीदे थे। इधर पुलिस ने आज सुबह नागरिक अस्पताल में मृतक व्यापारी की पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक अपने पीछे पति शशि रस्तोगी और पुत्री इशिका को रोता बिलखता छोड़ गया है।
बता दें कि बीते दिवस देवरी में आराधना ज्वेलर्स के सामने बाइक पर आए तीन लोगों में विक्रमजीत सिंह बाइक चला रहा था जबकि सुरेंद्र सिंह और लखविंदर सिंह बाइक पर बैठे थे। जिन्होंने उतरकर दुकान में जाकर सर्राफा व्यापारी पर गोली चलाई और विक्रम सिंह के साथ बाइक पर फरार हो गए थे।
 
हत्याकांड के खुलासे में पुलिस के 22 और एसओजी के 9 अधिकारी और जवान शामिल
खटीमा। देवरी के सर्राफा व्यापारी की दुकान में घुसकर गोली मार कर हत्या के मामले में पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई में शामिल टीम में खटीमा कोतवाली प्रभारी प्रकाश सिंह दानू, उप निरीक्षक ललित बिष्ट, प्रियांशु जोशी, संदीप पिलख्वाल, किशोर पंत, विजय बोहरा, चंचल सिंह, हरीश कुमार, तपेंद्र जोशी, भूपाल चंद, मोहम्मद नासिर, मोहसिन, नवीन खोलिया, सुनीता रावत शामिल रहे।
 
जबकि थाना नानकमत्ता से थानाध्यक्ष देवेंद्र गौरव, विजेंद्र कुमार, योगेंद्र कुमार, प्रवीण गोस्वामी, थाना सितारगंज से प्रभारी भूपेंद्र सिंह बृजवाल, उप निरीक्षक विक्रम सिंह धामी, थाना झन कईया से थानाध्यक्ष रविंद्र सिंह बिष्ट, चंदन आदि शामिल रहे।
टीम में एसओजी के प्रभारी भारत सिंह, उप निरीक्षक मनोज धोनी, खीम सिंह, भूपेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, संतोष, नीरज भोज, ललित कुमार और कुलदीप शामिल रहे।
 
20 हजार रुपए को लेकर हुई हत्या 
खटीमा। व्यापारी रमेश रस्तोगी की हत्या के मामले में जो बाद प्रथम दृष्टियां सामने आई है उसमें आरोपियों ने बताया कि उन्होंने रमेश रस्तोगी को करीब एक साल पहले अंगूठी बनाने के लिए 20 हजार दिए थे। जिस पर न तो उसने अंगूठी ही बना कर दी और न ही पैसे लौटा रहा था। कई बार तगादा करने के बाद भी जब उसने पैसे नहीं लौटाया। जिसके चलते ही उसकी हत्या का प्लान बनाया गया। यह भी बताया गया कि रमेश रस्तोगी की पहले झनकट में दुकान थी लेकिन वहां व्यवसाय सही न चलने पर उसने देवरी में अपनी दुकान खोल ली थी। जिसकी भनक सुरेंद्र सिंह को लग गई थी और रेकी करने के बाद उन्होंने घटना को अंजाम दिया।
 
एसएसपी ने टीम को दिया ढाई हजार का पुरस्कार
खटीमा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने हत्याकांड के खुलासे में लगी टीम को ढाई हजार रुपए की पुरस्कार की घोषणा की है।

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