लखनऊ: तीन राज्यों में करारी हार के बाद यूपी कांग्रेस ने बुलाई बैठक, अजय राय ने बनाई नई चुनावी रणनीति

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Published By Deepak Mishra
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जन आंदोलन और पदयात्रा से लोगों को जोड़ने का काम करेगी कांग्रेस

अमृत विचार, लखनऊ। तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मात खाने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है। अब पार्टी प्रदेश में नए सिरे से जन आंदोलन शुरू करेगी। इसके तहत फ्रंटल संगठन अलग-अलग मोर्चे पर काम करेंगे। साथ ही मुख्य कमेटी पदयात्रा सहित अन्य जन आंदोलन से जुड़े कार्यक्रम शुरू करेगी।

 बता दें कि कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद मंगलवार को पहली बैठक बुलाई गई। इस दौरान बैठक कई मायने में अहम रही। इस दौरान जहां पूरी कार्यकारिणी को एक-दूसरे से वाकिफ कराया, वहीं भविष्य की रणनीति भी तैयार की गई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में क्षेत्रवार पदयात्रा शुरू करने पर भी चर्चा हुई। इसी तरह जिलेवार कानून-व्यवस्था, महंगाई सहित अन्य समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू करने, किसानों के मुद्दे को लेकर सम्मेलन करने, छात्रों और युवाओं के बीच पैठ बढ़ाने की भी रणनीति तैयार की गई हैं। 

दरअसल, कांग्रेस की अब कोशिश है कि किसी तरह से उत्तर प्रदेश में नए सिरे से सियासी जमीन तैयार की जाए। इसके लिए पार्टी के पिछड़ा वर्ग विभाग की ओर से जातीय जनगणना कराने, आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए विभिन्न जिलों में सम्मेलन किए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक विभाग भी मुस्लिमों के बीच रचनात्मक कार्यों के जरिए पैठ बना रहा है। दलितों को लुभाने के लिए दलित गौरव संवाद कार्यक्रम चल रहा है। सदस्यता कार्यक्रम के तहत सपा, रालोद सहित कई दलों के तमाम नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई जा रही है।

वहीं अब यूपी के कार्यकर्ताओं को तीन राज्यों के चुनाव परिणाम की वजह से आने वाली निराशा से बचाने की कवायद शुरू हो गई है। इसी रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बैठक बुलाई। इसमें बूथ प्रबंधन के साथ ही जन आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि तीन राज्यों में भले ही परिणाम पक्ष में नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश की तैयारी और तेज की जाएगी।

 कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। कोशिश है कि जन आंदोलन के जरिए लोगों को जोड़ा जाए। विभिन्न राज्यों के चुनाव परिणाम से साफ हो गया है कि भाजपा से मुकाबला सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है।

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