छत्तीसगढ़ चुनाव : अनुसूचित जाति सीट पर रही कांग्रेस की बढ़त लेकिन सरकार बनाने में नाकामयाब

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के लिए आरक्षित सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही। कांग्रेस ने एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित दस सीटों में से छह पर जीत हासिल की है, जो 2018 में मिली जीत से एक कम है।

राज्य में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 10 एससी सीटों में से सात सीटें हासिल की थीं, जबकि भाजपा दो और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक सीट मिली थी। इस बार कांग्रेस ने छह एससी सीटें सारंगढ़, मस्तूरी, पामगढ़, सरायपाली, बिलाईगढ़ और डोंगरगढ़ जीती है। इन छह सीटों में से मस्तूरी और पामगढ़ ऐसी सीट है जो 2018 में भाजपा और बसपा के पास थी।

सारंगढ़ में कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े को मैदान में उतारा था, जिन्होंने भाजपा की शिवकुमारी चौहान को 29,695 वोट के अंतर से हराया। कांग्रेस ने सरायपाली, बिलाईगढ़ और डोंगरगढ़ क्षेत्रों में अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया था और नए महिला चेहरों चतुरी नंद, कविता प्राण लहरे और हर्षिता स्वामी बघेल को मैदान में उतारा था जो जीतने में सफल रहीं।

पामगढ़ में भी कांग्रेस ने नए चेहरे शेषराज हरबंस नामक महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा था, जो भाजपा के संतोष कुमार लहरे के खिलाफ विजयी रहीं। पामगढ़ में बसपा की मौजूदा विधायक इंदु बंजारे तीसरे स्थान पर रहीं। मस्तूरी में कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप लहरिया ने भाजपा के विधायक कृष्णमूर्ति बांधी को 20141 वोट से हराया।

राज्य में एससी समुदाय से आने वाले कांग्रेस के दो प्रभावशाली नेताओं और मौजूदा मंत्री शिवकुमार डहरिया तथा गुरु रुद्र कुमार को भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। डहरिया आरंग सीट पर भाजपा के गुरु खुशवंत साहब से 16,538 वोट से हार गए। खुशवंत साहेब सतनामी संप्रदाय के गुरु बालदास साहेब के बेटे हैं, जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर अपने बेटे के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। राज्य की लगभग तीन करोड़ की आबादी में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 12 फीसदी है।

छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की अधिकांश आबादी बाबा गुरु घासीदास द्वारा स्थापित सतनामी संप्रदाय का पालन करती है। कांग्रेस ने सतनामी संप्रदाय के गुरु रुद्र कुमार को नवागढ़ सीट से मैदान में उतारा था तथा अपने मौजूदा विधायक को टिकट देने से इनकार कर दिया था। रुद्र कुमार ने 2018 का चुनाव अहिवारा सीट से जीता था जहां पार्टी ने इस बार नए चेहरे निर्मल कोसरे को मैदान में उतारा।

नवागढ़ सीट पर रुद्र कुमार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दयालदास बघेल से 15177 वोट से हार का सामना करना पड़ा। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित दो अन्य सीटें अहिवारा और मुंगेली पर भाजपा ने जीत हासिल की। छह बार के विधायक और चार बार के सांसद रहे वरिष्ठ भाजपा नेता पुन्नूलाल मोहिले ने अपनी पारंपरिक मुंगेली सीट से कांग्रेस के संजीत बनर्जी को 11,781 वोट से हराया है।

अहिवारा में भाजपा के पूर्व विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने कांग्रेस के निर्मल कोसरे को 25263 वोट से हराया। राज्य में 2013 के चुनाव में भाजपा ने 10 एससी सीटों में से नौ सीटें हासिल की थीं, जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर सिमट गई थी।

2008 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने पांच और चार सीटें जीती थीं, जबकि एक बसपा को मिली थी। छत्तीसगढ़ चुनाव में भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीटें जीतकर बड़ी जीत दर्ज की है। सत्ताधारी दल कांग्रेस ने 35 सीटों पर और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक सीट जीत हासिल की है। 

ये भी पढ़ें - झारखंड: सिमडेगा में पीएलएफआई के दो सदस्य गिरफ्तार