साल भर से आश्वासन, अब नतीजा निकालिये वीसी सर!, धरना दे रहे दिव्यांग छात्रों ने बंद कराया पुनर्वास विवि का गेट

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। वीसी सर! आपके रहते हुए साल भर से आश्वासन मिल रहा है। साफ-सफाई छोड़िये, शौचालयों के टूटे हुए दरवाजे देख लीजिये, विवि की छात्र-छात्राएं इनमें जाने से पहले ही परेशान हो जाती हैं। डर भी लगता है। दिव्यांगों के पीड़ा भरे दावों को सुनकर विवि के कुलपति ने आश्वासन दिया, फिर कहीं जाकर घण्टों बाद स्थितियां सामान्य हो सकीं।

डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में छात्र और विवि प्रशासन के बीच बढ़ी रार रात में भी नहीं थमीं। देर रात आधा सैकड़ा हॉस्टल के छात्र-छात्राओं ने परिसर के भीतर धरना जारी रखा। मुद्दा, काफी समय से आ रही समस्याओं से जुड़ा हुआ था। ऐसे में मंगलवार को छात्र आक्रोशित हो गए। विवि का गेट बंद कर दिया। बढ़ते रोष की सूचना मिलने पर विवि के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह धरना दे रहे छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचे। 

ऐसे में दिव्यांग छात्र कमल, ज्ञानेन्द्र, रवीन्द्र, अंकुर, राहुल, पूजा गौर ने कहा कि साल भर पहले भी इसी तरह की स्थित आ गई थी। गंदे पानी का सेवन और उसी पानी के सहारे बन रहे खाने का विरोध किया गया। लेकिन आश्वासन देकर उसे टाल दिया। अब हालात उससे कहीं ज्यादा खराब हो गए हैं। सुकन्या सिंह, माया और अंतिमा का कहना था कि हॉस्टल और विवि के शौचालय जाकर देख लीजिये, टूटे दरवाजों के कारण अब डर लगता है। दोपहर बाद तक बढ़ते आक्रोश के बीच कुलपति ने स्थितियों को सामान्य कराया।

एक साल से बना हुआ है मुद्दा

हॉस्टल में खुली टंकी, गंदगी और खान-पान की समस्या को लेकर छात्र-छात्राएं पहले भी शिकायत कर चुके हैं। बाराबंकी निवासी कमल का कहना है कि खाना खिलाने का टेंडर जिस फर्म को मिला था, वो शुरू से ही हम सब लोगों को गुणवत्ताहीन भोजन उपलब्ध करा रही है।

दूसरे प्रांतों से भी आकर पढ़ रहे हैं दिव्यांग

उप्र के अलावा विवि में उत्तराखण्ड, झारखण्ड, बिहार, राजस्थान सहित अन्य प्रांतों के छात्र और छात्राएं रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।

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