रामनगर: ढिकाला पर्यटक आवास कैम्पस के पास बाघ ने श्रमिक को मौत के घाट उतारा  

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रामनगर, अमृत विचार। विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला क्षेत्र में बाघ ने एक ओर दैनिक श्रमिक को मौत मार डाला जब वह पर्यटक आवासों के कैम्पस से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों की सफाई करने के काम में व्यस्त था। इससे पहले भी नेपाली मूल के एक दैनिक श्रमिक को बाघ द्वारा मारा गया था।

दैनिक श्रमिकों के पास मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने बाघ को हटाने के लिए दस राउंड गोलियां चलाई मगर तब भी बाघ अपने स्थान से बड़ी मुश्किल में हटा। गुरुवार को कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की ढिकाला रेंज में ढिकाला वन परिसर की सोलर फेंसिंग सफाई  हेतु पांच श्रमिक कार्य कर रहे थे। जिनकी सुरक्षा हेतु दो हथियारबंद वन कर्मचारी तैनात थे।

इसी दौरान दैनिक श्रमिक राम बहादुर पुत्र खड़क सिंह उम्र 57 वर्ष पर बाघ द्वारा अचानक हमला कर दिया। मौके पर मौजूद हथियारबंद वन कर्मचारियों द्वारा 10 राउंड हवाई फायर कर राम बहादुर को बाघ से छुड़ाया गया। परन्तु तबतक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। शव को पोस्टमार्टम हेतु रामनगर भेजा गया है।

निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि परिजनों को नियमानुसार अनुग्रह राशि के भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। मामले की सूचना निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व डॉ धीरज पाण्डेय तथा प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव /मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, उत्तराखंड डॉ समीर सिन्हा को दी गई  उन्होंने बाघ को पकड़ने के निर्देश जारी किए।

उसके उपरांत बाघ को ट्रेनकुलाइज़ कर पकड़ने हेतु निदेशक, कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व डॉ धीरज पाण्डेय के निर्देशन मे सघन अभियान चलाया गया। इस अभियान में दो हाथी टीम, एक ड्रोन टीम, त्वरित कार्यवाही दल के सदस्य तथा वेटरनरी टीम उपस्थित रहे। चिन्हित नर बाघ को लगभग दोपहर ढाई बजे अपरान्ह सफलता पूर्वक ट्रेनकुलाइज़ कर पकड़ लिया गया। बाघ के डीएनए सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद तथा डब्लू एलएल देहरादून भेजे जा रहे हैँ। निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि नर बाघ की उम्र लगभग दो वर्ष है, तथा यह पूर्ण रूप से स्वस्थ है।

चिन्हित बाघ को पकड़ने के अभियान में निदेशक, कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व डॉ धीरज पाण्डेय, दिगंथ नायक, उपनिदेशक,  अमित ग्वासीकोटी पार्क वार्डन,  दुष्यंत शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, बिन्दर पाल वन क्षेत्राधिकारी सर्पदुली रेंज, त्वरित कार्यवाही दल के सदस्य एवं अन्य वन कर्मी सम्मिलित रहे।रेस्क्यू किये गए बाघ को सघन निगरानी में ढेला रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है।

वर्तमान में ढिकाला जोन के ग्रासलैंड क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिगत पर्यटन सफारी हेतु प्रतिबंधित किया गया है। तथा क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन वनकर्मियों की सुरक्षा हेतु पूर्णतया प्रयासरत है, तथा इसे सुनिश्चित करने हेतु ड्रोन टीम, तथा त्वरित कार्यवाही दल को मौके पर तैनात किया गया है। घटना की विस्तृत जांच के आदेश प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव /मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, उत्तराखंड द्वारा दिए गए हैं।

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