बरेली: डीजल में मिलावट और चोरी का खेल, रोडवेज अधिकारियों ने साधी चुप्पी

30 मई को भी वर्कशाप में आए टैंकर में पकड़ी गई थी डीजल चोरी, शिकायत करने की जगह अधिकारियों ने वार्ता करके निपटाया

बरेली: डीजल में मिलावट और चोरी का खेल, रोडवेज अधिकारियों ने साधी चुप्पी

बरेली, अमृत विचार: रोडवेज बसों के लिए आने वाले डीजल में लंबे समय से मिलावट और चोरी का खेल चल रहा है। मामला सामने आने के बाद भी रोडवेज अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं। मंगलवार को जब डीजल में मिलावट का मामला पकड़ा गया तो अधिकारियों ने शिकायत करने की जगह मामले को वार्ता करके आपस में ही निपटा लिया, जबकि मिलावटी डीजल उपलब्ध कराने वालों की आपूर्ति विभाग में शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए।

डिपो में इससे पहले भी डीजल चोरी का मामला पकड़ा जा चुका है। आंवला के ऑयल डिपो से रोडवेज के बरेली डिपो में डीजल लेकर एक टैंकर पहुंचा था। डीजल पंप प्रभारी अजीत बख्शी खाली करा रहे थे। टैंकर में डीजल के साथ पानी और मिट्टी का तेल मिला हुआ निकला। जिसके बाद चालक और परिचालकों ने हंगामा कर दिया।

मामला संज्ञान में आने के बाद भी रोडवेज अधिकारियों की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोई तहरीर नहीं दी गई। हालांकि रोडवेज अधिकारियों ने टैंकर को वर्कशाप में ही खड़ा करा लिया। आईओसी के सेल्स मैनेजर भी बरेली डिपो के वर्कशॉप आ गए। उन्होंने जांच के बाद रोडवेज के अधिकारियों से बात की। दोनों पक्षों में तय हुआ कि आईओसी डीजल टैंकर को रिप्लेस करके दूसरा टैंकर भेजेगा।

पहले भी पकड़ा जा चुका है चोरी का मामला: इससे पहले भी 30 मई को आंवला डिपो से डीजल टैंकर बरेली डिपो में पहुंचा था। वर्कशाप में डीजल पंप पर टैंकर को अनलोड किया जा रहा था। यहां डीजल पंप प्रभारी अजीम बख्शी और डिपो के फोरमैन राकेश भी मौजूद थे। टैंकर करीब आधा खाली हुआ था।

इसी दौरान टैंकर में लगे बाईपास टैंक से डीजल का रिसाव होने लगा। देखने पर पता लगा कि टैंकर से एक पाइप बाईपास टैंक में आया है। टैंक खुला होने के कारण उससे रिसाव शुरू हो गया था। रिसाव वाले स्थान पर ड्रम रखा गया तो उसमें 150 लीटर से ज्यादा डीजल एकत्र हो गया। इस मामले में बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

मिलावटी डीजल से औसत खराब के साथ बसों में भी दिक्कत: रोडवेज के चालक और परिचालकों का कहना है कि डीजल में किसी भी केमिकल या पानी की मिलावट आने से वाहन का सर्विस खर्च तो बढ़ता ही है, साथ में इंजन में भी काफी लागत आने की आशंका हो जाती है।

डीजल में पानी की मिलावट पर पानी हलका होने के कारण वह टैंक में डीजल के ऊपर आ जाता है, लेकिन जब डीजल कम होता जाएगा तो पानी भी डीजल के साथ ही इंजन में चला जाएगा और इंजन काम करना बंद कर देगा। जिससे बसों में खराबी आने के साथ औसत भी कम आ रहा है।

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