हल्द्वानी: माल की थी चिंता पर मजदूरों की जान की परवाह नहीं 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। यह पहला मौका नहीं है जब रिहायशी इलाके में बने कुमाऊं टेंट हाउस के गोदाम में आग लगी हो। करीब 9 साल पहले भी इस टेंट हाउस में आग लगी थी और वो इस वाली आग से भी भयावह थी। तब जान का नुकसान नहीं हुआ था।

मालिक ने भविष्य में आग से माल को बचाने का इंतजाम तो कर लिया, लेकिन टेंट में काम करने वले अपने मजदूरों की जान की हिफाजत पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा, आग फिर भड़की और इस बार आग माल के साथ मजदूरों को भी जिंदा जला गई। 

स्थानीय लोगों के मुताबिक आनंदपुरी फेज वन में बने कुमाऊं टेंट हाउस के गोदाम में वर्ष 2014 में भी आग लगी थी और तब लगभग पूरा का पूरा गोदाम जलकर राख हो गया था। आनंदपुरी की गली से कालाढूंगी रोड तक फैली जमीन के लगभग आधे हिस्से में टेंट हाउस मालिक गिरीश हेड़िया ने गोदाम बनाया है। 2014 में ये गोदाम हॉल नुमा था। तब आग लगने के बाद गिरीश ने इस हॉल नुमा गोदाम को 9 इंच की दीवारों से चार हिस्सों में बांट दिया। ताकि यदि भविष्य में आग लगे तो सारा माल जलने से बचाया जा सके। अब 9 साल बाद 9 इंच वाली दीवारों ने गोदाम के तीन हिस्सों को बचा लिया, लेकिन 3 मजदूर मारे गए। 

गोदाम मालिक ने माल को आग से बचाने के साथ चोरी होने से बचाने का भी पूरा इंतजाम किया, लेकिन आग से अक्सर होने वाली मौतों से नजर चुराता रहा। उसने चार हिस्सों में बांटे गए गोदाम के हर हिस्से में सीसीटीवी सिर्फ इसीलिए लगाए कि मजदूर और माल की निगरानी की जा सके, लेकिन आग से बचाव के उपकरण लगाने से गुरेज किया।

नतीजा, दीपावली की रात आग भड़की और रोहित पुरी (25) निवासी मोहना गांव नतौला धारी, कृष्ण कुमार (38) पुत्र अमरनाथ निवासी शिवनाथपुरा मालधन गोदाम व रविन्द्र कुमार (27) पुत्र चन्दनराम निवासी गांधीनगर मालधन को जिंदा जला दिया। स्थानीय लोगों की मानें तो आग की लपटें 20 से 30 फीट ऊपर तक उठ रही थीं। 

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