भीमताल: Mountain quail खोजो और नाम पाओ...
भीमताल, राकेश सनवाल, अमृत विचार। यदि आप पक्षियों के बारे में जानकारी रखते हैं तो यह खबर आपके लिए है। आपके पास रातों-रात नाम कमाने का एक सुनहरा अवसर है। बस आपको करना ये है कि आपको Mountain quail माउंटेन क्वेल ढूंढनी है उसकी तस्वीर कैद करनी है और पूरी जानकारी मुहैया करानी है।
पक्षी प्रेमी माउंटेन क्वेल को देखने और उसके बारे में जानकारी जुटाने के लिए बेहद उत्सक रहते हैं । इस अनोखे पक्षी को अंतिम बार 1876 में नैनीताल के शहर के शेर के डांडा क्षेत्र में देखा गया था। बताते हैं आमतौर पर जोड़े के साथ रहने वाले इस पक्षी को उस समय स्थानीय निवासी मेजर कारवेथन ने मारा था । बाद में इसकी खाल को ब्रिटिश संग्रहालय लंदन भेजा गया। पक्षी जानकारी के अनुसार दुनिया में तब से इस पक्षी को नहीं देखा गया। नैनीताल और मसूरी में जो भी विशेषज्ञ पक्षियों के बारे में जानकारी जुटाना का प्रयास करता है उनमें से हर एक की अभिलाषा माउंटेन क्वेल को खोजने की होती है।
ऐसी होती है माउंटेन क्वेल
यह पक्षी देखने में बटेर की तरह होता है और पहाड़ी बटेर के नाम से भी जाना जाता है, हालांकि यह पक्षी बटेर से बड़ा होता है और चकोर की तरह दिखाई देता है। यह सब जानकारियां इस पक्षी की दुनिया में उपलब्ध 9 खालों के अध्ययन से जुटाए गई है। जानकारी के अनुसार चकोर की गर्दन सफेद होती है तथा पहाड़ी बटेर की काली।
यह पक्षी घास के बीज खाते हैं। इन पक्षियों के प्रवास के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है । 1876 से पूर्व इस पक्षी को 1865 में और 1867 में देखा गया था । 1865 में कैनथ मैकनन ने मसूरी के बुद्धराजा और बेकनाग के बीच एक जोड़े का शिकार किया था। मसूरी में ही 1867 में जेवपानी में कैप्टन हटन के घर के पास लगभग एक दर्जन पक्षियों को देखा गया। जिनमें से पांच पक्षियों को उन्होंने मार गिराया। उनकी खाल ब्रिटिश संग्रहालय को भेजी गई ।
ह्यूम के दस्तावेज में क्वेल
कांग्रेस के संस्थापक एओ ह्यूम प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ रहे हैं। उनके द्वारा लिखे गए 1885 के दस्तावेज के अनुसार विश्व में उपलब्ध माउंटेन कोयल की 10 खाल में दो खाल लार्ड डर्बिन के संग्रहालय, एक ब्रिटिश म्यूजियम , पांच खालें एओ ह्यूम के संग्रहालय, एक खाल कर्नल टाइटलर के संग्रहालय में है। कैनथ मैकनन द्वारा मारी गई दूसरी चिड़िया की खाल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यहां यह बताना जरूरी है कि माउंटेन क्वेल पक्षी को केवल भारत में ही अब तक देखा गया है। कीट-पतंगे और पक्षी विशेषज्ञ पीटर स्मैटाचैक बताते हैं जो इस पक्षी को ढूंढने में कामयाब होगा उसे दुनिया में प्रसिद्ध मिलेगी।
