देवरिया सामूहिक नरसंहार: 16 नवम्बर को होगी बहस, जिलाधिकारी न्यायालय ने दी तारीख

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Published By Deepak Mishra
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देवरिया। उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के रूद्रपुर तहसील क्षेत्र में भूमि विवाद में छह लोगों के नरसंहार के बाद तहसीलदार न्यायालय के बेदखली आदेश के बाद जिलाधिकारी न्यायालय में दाखिल अपील में 16 नवम्बर को बहस के लिए तारीख नियत की गई है।

गौरतलब है कि रूद्रपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम फतेहपुर में दो अक्टूबर को भूमि विवाद में हुए नरसंहार में एक पक्ष से एक व्यक्ति तथा दूसरे पक्ष से एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। नरसंहार के बाद जागे जिला प्रशासन ने मामले में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की पड़ताल शुरू करते हुए गांव स्थित सरकारी भूमि की पैमाईश करायी थी, जिसमें सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की बात सामने आई थी।

सूत्रों के अनुसार आरोप है फतेहपुर के अभयपुर टोले के रहने वाले जिला पंचायत के पूर्व सदस्य प्रेमचंद यादव व उसके परिजनों ने खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर अवैध निर्माण कराया है। खलिहान की भूमि पर अवैध कब्जा से बचने के लिए उसने साजिश रची व अपने भाई रामजी यादव की ओर से न्यायालय जिलाधिकारी देवरिया के यहां नक्शा दुरुस्ती का वाद दाखिल किया था, जिसकों सुनवाई के उपरांत खारिज कर दिया गया।

सूत्रों के अनुसार खलिहान की भूमि पुष्टिकृत भूचित्र में पूरब-पश्चिम निर्मित है, जिसे बंदोबस्त नक्शा का हवाला देकर उत्तर दक्षिण करना चाहता था ताकि उसका मकान सुरक्षित हो सके, लेकिन लेहड़ा टोले के रहने वाले सत्यप्रकाश दुबे व उनके परिजनों का सामूहिक नरंहसार के बाद मामला सुर्खियों में आ गया।

तहसीलदार रूद्रपुर की अदालत ने खलिहान, वन व परती की भूमि से अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया तथा उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा-67 के तहत प्रेमचंद के पिता हत्या आरोपी रामभवन, चाचा परमहंस यादव व गोरख यादव के अवैध निर्माण को बेदखल करने का आदेश दिया है।

जिसके खिलाफ उक्त लोगों ने जिलाधिकारी न्यायालय में बेदखली के खिलाफ अपील दाखिल कर दी है। जिलाधिकारी न्यायालय के अदालती सूत्रों ने आज यहां बताया कि आज उक्त अपील में तारीख नियत थी लेकिन कलेक्ट्रेट बार एशोसिएशन के तरफ आये प्रस्ताव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी तथा इस मामले में 16 नवम्बर को साक्ष्य तथा बहस करने हेतु तारीख मुकर्रर की गई है।

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