विराट कोहली की मानसिक मजबूती उसे बाकी खिलाड़ियों से अलग करती है, विवियन रिचर्ड्स ने की तारीफ 

विराट कोहली की मानसिक मजबूती उसे बाकी खिलाड़ियों से अलग करती है, विवियन रिचर्ड्स ने की तारीफ 

दुबई। महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स ने भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि उनकी मानसिक मजबूत उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है और वह मुश्किल से मुश्किल स्थिति से भी बाहर आ जाते हैं। कोहली ने हाल ही में अपने 35वें जन्मदिन पर सचिन तेंदुलकर के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 49वां एकदिवसीय अंतररष्ट्रीय शतक लगाया। वह भारत में चल रहे मौजूदा विश्व कप में आठ मैचों में 543 रन के साथ रन बनाने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं।

नवंबर 2019 से कोहली लगभग तीन साल तक शतक नहीं जड़ पाए और यहां तक ​​कि पिछले साल एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ अपना पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने से पहले उन्होंने खेल से ब्रेक भी लिया। रिचर्ड्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से कहा ‘‘विराट एक उत्साही खिलाड़ी हैं और जो चीज उन्हें बाकी लोगों से अलग करती है, वह उनकी मानसिक ताकत है। अतीत में जब मैंने उनसे बातचीत की है और हमने चीजों पर चर्चा की है, उनकी मानसिक ताकत हमेशा स्पष्ट रही है।’’

वेस्टइंडीज के इस महान खिलाड़ी ने कहा कि विराट इस विश्व कप से पहले कुछ कठिन दौर से गुजरे होंगे और कुछ लोग इतने हिम्मत वाले भी थे कि उन्हें बाहर करने की मांग कर रहे थे। रिचर्ड्स ने कहा, बहुत सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी आए हैं लेकिन उनमें सबसे ऊपर आप विराट कोहली को ही पाएंगे।

 उन्होंने कहा, मैं विराट का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं, मैं लंबे समय से हूं, और अब भी यह दिखा रहा है कि क्यों उसे महान सचिन जैसे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में जाना जाता है। कोहली जब 1,021 दिन तक शतक नहीं लगा पाए तो आलोचकों ने कहा कि उनके सुनहरे दिन पीछे छूट गए है। लेकिन यहां विश्व कप में उन्होंने शानदार फॉर्म दिखाई है जिससे यह विश्वास पैदा हुआ है कि महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 2011 की सफलता के बाद भारत इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को दोबारा जीत सकता है।

रिचर्ड्स ने कहा कि कोहली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि फॉर्म अस्थायी होती है और स्तर स्थायी होता है। उन्होंने इस स्थिति से उबरने में मदद करने के लिए सहयोगी स्टाफ और टीम प्रबंधन को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सहयोगी स्टाफ और उनका समर्थन करने वाले सभी लोगों को श्रेय दिया जाना चाहिए। उनके फॉर्म के बारे में बहुत कुछ कहा गया था लेकिन वह अपने खेल में शीर्ष पर वापस आ गए हैं। ऐसे व्यक्ति को वापस खेलते हुए देखना अद्भुत है। 

वेस्टइंडीज के इस दिग्गज ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि फॉर्म अस्थायी है- और उन्होंने निश्चित रूप से साबित कर दिया है कि स्तर स्थायी है।’’ रिचर्ड्स ने युवा शुभमन गिल की भी काफी प्रशंसा की और कहा कि वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो ‘स्टाइल के साथ बल्लेबाजी करते हैं’ और ‘उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिनके पास सभी बड़े शॉट् हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह की ‘मानसिकता’ के साथ भारतीय खिलाड़ी विश्व कप में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, वे इस तरह खेलते हुए खिताब जीत सकते हैं। उन्होंने रोहित शर्मा की टीम से आग्रह किया कि वे नकारात्मक विचार मन में लाना बंद करें कि एक खराब मैच सामने आ सकता है। रिचर्ड्स का मानना है कि पाकिस्तान अब भी सेमीफाइनल में पहुंच सकता है। 

उन्होंने कहा, पाकिस्तान अब भी नॉकआउट चरण में जगह बना सकता है लेकिन मैं यह सोचने से खुद को नहीं रोक सकता कि उनके पास जो प्रतिभा है, उसे देखते हुए उन्हें पहले ही अपना स्थान पक्का कर लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, उन्होंने अपने लिए चीजों को कठिन बना लिया है - मुझे लगता है कि वे तालिका में अपनी स्थिति से कहीं अधिक प्रतिभाशाली टीम हैं।

रिचर्ड्स ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने शानदार पारी खेलकर अफगानिस्तान को भले ही जीत से वंचित कर दिया हो लेकिन उन्होंने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, मेरे लिए इस विश्व कप का एक मुख्य आकर्षण अफगानिस्तान को देखना है। अगर उन्हें 250 से अधिक का स्कोर मिलता है, तो उनके पास जो गेंदबाजी इकाई है, उसका मतलब है कि वे हर समय खेल में बने रहेंगे।

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