मुरादाबाद : साइबर ठगी पर अंकुश को 10 वर्ष के मामलों की हो रही समीक्षा

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Published By Bhawna
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तैयारी : इंटरनेट पर स्मार्ट जालसाजों पर शिकंजा कसने को मैन पॉवर से लेकर जरूरी उपकरणों तक का अभाव

मुरादाबाद,अमृत विचार। साइबर क्राइम के मामलों में दिन पर दिन इजाफा होता जा रहा है। जालसाजों की सक्रियता से लोगों को बड़े स्तर पर धनहानि हो रही है। चैटिंग, अश्लीलता व अन्य तरह के अपराधों में भी व्यापक स्तर पर वृद्धि हो रही है। ऐसे में सरकार ने भी गंभीरता दिखाई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में एक-एक साइबर थाना बनाने को भी कह दिया है। यही नहीं, शासन के निर्देश पर अब पुलिस के उच्चाधिकारी पिछले 10 वर्ष में हुए श्रेणी वार साइबर क्राइम के संबंधित विवरण भी एकत्र कर रहे हैं। 

विशेष पुलिस महानिदेशक (साइबर क्राइम) सुभाष चंद्र ने जिलों में पत्र भेजकर कई बिंदुओं पर विस्तार से ब्योरा मांगा है। पिछले 10 वर्षों में हुए श्रेणीवार साइबर अपराध और उनमें कार्रवाई, सफलता संबंधी विवरण मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत करने की योजना है। इसके बाद साइबर क्राइम पर लगाम कसने को उच्च स्तर से योजना बनाए जाने की बात कही जा रही है। इन दिनों साइबर थाना और पुलिस लाइन साइबर क्राइम सेल में काम चल रहा है। पिछले वर्षों में कितनी घटनाएं दर्ज हुई हैं, उनमें कार्रवाई, रिकवरी, अपराधियों गिरफ्तारी और सजा आदि का विवरण संकलित किया जा रहा है। 

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मैन पॉवर से लेकर जरूरी तकनीकी उपकरणों तक का अभाव है। कभी-कभी ठगे गए व्यक्ति के बैंक खाते को होल्ड या संबंधित अन्य कार्रवाई में बैंकर्स के सहयोग का अभाव हो जाता है। अधिकारियों काे उम्मीद बढ़ गई है कि विशेष पुलिस महानिदेशक को उपलब्ध कराया जाने वाले साइबर अपराध के विवरण का प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री के सामने होगा तो निश्चित ही कोई बड़ी योजना बनेगी और मैन पॉवर एवं जरूरी उपकरणों का अभाव समाप्त होगा।

अपराध को लेकर जागरुकता की आवश्यकता
साइबर क्राइम थाना एवं सेल के विशेषज्ञ बताते हैं कि क्राइम की रोकथाम के सबसे पहले जरूरी है कि जिस तरह से मिशन शक्ति अभियान चल रहा है, उसी तरह लोगों को ऑनलाइन क्राइम के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। चूंकि ये क्राइम इंटरनेट के माध्यम से होता है और वर्तमान में लगभग सभी परिवारों में मोबाइल हैं। मोबाइल पर चैटिंग, संदिग्ध मैसेज या कोई लिंक आने और उसके क्लिक करने से लोग क्राइम का शिकार हो जा रहे हैं। जालसाज फोन कर क्रेडिट कार्ड, एटीएम संबंधी मामलों पर बात कर लोगों के खाते से रुपये चोरी कर ले रहे हैं। इंटरनेट पर अश्लीलता से जुड़े मामले भी अधिक हैं। जालसाज आइडी हैक कर ब्लैकमेल करते हैं।

उप शिक्षा निदेशक को भी जालसाजों ने ठगा
उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) द्वादश मंडल रविंद्र सिंह ने कहा, बढ़ते साइबर क्राइम का वे भी शिकार हो गए हैं। 10 अक्टूबर को उनके बैंक खाते से भी 21,000 रुपये चोरी हो गए। कॉल करने वाले ने एक ऑफर देकर कहा कि पैसे निवेश करिये,  अच्छा मुनाफा मिलेगा। वे लालच में आ गए। मुगलपुरा के सैयद शाहबेज के साथ भी साइबर ठगी हो गई। 20 अक्टूबर को बैंक खाते से 1.30 लाख रुपये कट गए। सैयद शाहबेज से कॉलर अपने को भारतीय स्टेट बैंक का सेल्स एग्जीक्यूटिव ऑफीसर बताया। क्रेडिट कार्ड के चार्जेज समाप्त होने की बात कहकर उनसे 1499 रुपये जमा कराए और सैयद शाहबेज के खाते की रकम गायब कर दी।

विशेष पुलिस महानिदेशक (साइबर क्राइम) की तरफ से विवरण मांगा गया है। इससे उम्मीद है कि अब कुछ और बेहतर होगा। वैसे अभी थाने में केवल चार कंप्यूटर और तीन कर्मी हैं। आईटी एक्ट में सजा सात वर्ष से कम है। ठग की गिरफ्तारी नहीं हो पाती है। ऐसे में वादी कहता है कि आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। आरोपी यदि गैर राज्य का है तो उसे पकड़ने में भी बहुत बाधाओं का सामना करना पड़ता है। -राजेश सिंह, थानाध्यक्ष-साइबर क्राइम

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