लखनऊ: ऊर्जा मंत्री ने जापानी कम्पनियों के प्रतिनिधियों से कहा- यूपी में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में करें निवेश, लगाएं उद्योग

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Published By Sachin Sharma
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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार और एम्बेसी ऑफ जापान के बीच इंटरेक्शन ऑन इमर्जिंग अपारच्यूनिटीज विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी समेत कई जापानी कम्पनियों के प्रतिनिधित्व मौजूद रहे।

बता दें कि कार्यशाला के दौरान रिन्यूएबल एनर्जी और ईवी सेक्टर में निवेश को लेकर चर्चा हुई। वहीं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जापानी कम्पनियों के प्रतिनिधियों से यूपी में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में निवेश करने और उद्योग लगाने का आग्रह किया।

वहीं जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को लेकर जापानी कम्पनियों की रूचि से अवगत कराया। उन्होंने इस क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ऊर्जा मंत्री का धन्यवाद भी किया। साथ ही कहा कि भविष्य में जापानी कंपनियां इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी निभायेंगी। 

वहीं इस मौके पर ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है। इस दृष्टि से भी ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों से भी उत्पादन करना आवश्यक हो गया है। जिसको लेकर प्रदेश में 25 हजार मेगावाट सोलर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य है। सरकार प्रथम चरण में 04 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बिड ला रही। द्वितीय चरण में 03 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बिड लाई जायेगी।

उन्होंने कहा कि विद्युत का सबसे बड़ा उपभोगकर्ता घरेलू उपभोक्ता है। इनकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूफ टॉप को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं किसानों के लिए इस साल 01 अप्रैल, 2023 से बिजली मुफ्त दी जा रही। बिजली की कमी को पूरा करने के लिए कृषक फीडरों का भी सोलराइजेशन किया जा रहा है।

भारत सरकार की मदद से किसानों को सब्सिडी में सोलर पम्प कनेक्शन भी दिये जा रहे हैं सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने से प्रदेश को प्रतिवर्ष 01 लाख करोड़ रूपये तथा प्रतिदिन 46 करोड़ रूपये से अधिक की हो रही हानि को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही आने वाले समय में इसमें और अधिक बढ़ोत्तरी होगी, जिसको सौर ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से पूरा किया जायेगा।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सुविधा की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए भी आधारभूत ढ़ांचा तैयार किया जाना है, जिसमें चार्जिंग स्टेशन, एनर्जी स्टोरेज बनाये जाने हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी आदि के निर्माण में भी निवेश की जरूरत है। इससे नगरों में बढ़ रहे प्रदूषणों से मुक्ति मिलेगी और लोगों को रहने के लिए स्वच्छ वातावरण मिलेगा।

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