रायबरेली: छतौना प्रधान पर डीएम की कार्रवाई से मची है खलबली, सचिव पर अभी तक नहीं हो सकी निलंबन की कार्रवाई

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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रायबरेली, अमृत विचार। छतौना प्रधान पर कार्रवाई के बाद से जिले के प्रधानों में खलबली मच गई है। खासकर उन प्रधानों और सचिवों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं जिनकी ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों में घालमेल किया गया है। प्रशासन इस तरह के प्रधानों की लिस्ट तैयार करा रहा है। 

वहीं छतौना के मामले में अभी तक आरोपित किए गए सचिव के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई नहीं हो सकी है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों का खेल किस तरह होता है इसकी एक बानगी सरेनी की ग्राम पंचायत छतौना में सामने आया है। यहां के प्रधान और सचिवों ने मिलकर 5.56 लाख का गबन विकास कार्यों में किया है।

 बताते हैं कि 13 दिसंबर 2022 को छतौना निवासी नौशाद खान ने प्रधान अजीजुल निशा के खिलाफ मोर्चा खोलकर विकास कार्यों में धांधली किए जाने की शिकायत की थी। नौशाद खान पूर्व प्रधान सरताज खान के भाई हैं तो वहीं अजीजुल निशा के प्रतिनिधि मोइन खान हैं। 

नौशाद खान और ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि प्रधान द्वारा इंटरलॉकिंग, हैंडपंप मरम्मत, पंचायत भवन मरम्मत, जल निकासी के लिए ह्यूम पाइप क्रय में खेल किया गया। कार्यों में वित्त एवं केंद्रीय वित्त आयोग से कराए गए 2 लाख 12 हजार एवं मनरेगा के तहत 2 लाख 92 हजार रुपये का गबन किया गया। शिकायती पत्र में प्रधान अजीजुल निशा व सचिव विद्यासागर, ग्राम विकास अधिकारी आशीष यादव व ग्राम पंचायत अधिकारी बृजेश यादव के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। 

हैंडपंप मरम्मत कार्य में बिना फर्म का कोटेशन दिखाए पैसा निकाल लिया गया। इसी तरह स्ट्रीट लाइट मरम्मत, पटरी भरना, जल निकासी के पाइप डलवाने के काम भी घालमेल किया गया था। मामले में 16 मई 2023 को कारण बताओ नोटिस ग्राम प्रधान और सचिव तथा ग्राम विकास अधिकारी को दिया गया था। तत्कालीन डीएम माला श्रीवास्तव ने मामले की जांच के लिए पीडी और दिव्यांग अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। 

इस पर जांच टीम ने रिपोर्ट दी थी। वहीं जब कार्रवाई नहीं हुई तो नौशाद खान व सरताज खान ने मिलकर हाईकोर्ट में अपील दायर की। जिस पर कोर्ट ने सचिव, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने का आदेश दिया। 

साथ ही प्रधान अजीजुल निशा के वित्तीय अधिकार को सीज करने के साथ बस्ता निरस्त करने का आदेश दिया। मामले में सोमवार को डीएम हर्षिता माथुर ने कार्रवाई करते हुए प्रधान के वित्तीय अधिकारी सीज कर दिए हैं तो साथ ही सचिव विद्यासागर, बृजेश और आशीष के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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