रायबरेली: नगर पालिका परिषद के खाते से सवा तीन करोड़ निकालने वाले हैकर का नहीं लगा सका सुराग

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Published By Deepak Mishra
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खाकी की पकड़ से दूर मुख्य साजिशकर्ता, पहले भी कर्मचारियों को लग चुकी है चपत

रायबरेली, अमृत विचार। साइबर अपराधियों के निशाने पर आम आदमी ही नहीं बल्कि सरकारी विभाग के एकाउंट भी हैं। बीते दिनों नगर पालिका परिषद से महज कुछ समय में ही सवा तीन करोड़ रुपये निकल गए। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो बैंक पर भी दबाव पड़ा और आनन-फानन में रुपये वापस लाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। यह अलग बात है कि यदि यह किसी आम आदमी का एकाउंट होता तो शायद उसे फूटी कौड़ी नहीं मिलती, लेकिन मामला सरकारी विभाग का था।

 ऐसे में बैंक अफसरों ने तेजी दिखाई और रुपये लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। वहीं दूसरी ओर खाकी के हाथ अभी तक खाली हैं। अब तक की कार्यशैली को देखे तो अभी तक हैकर्स तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। हाल यह है कि कारनामा किस तरह किया गया इसका एक भी क्लू पुलिस के हाथ नहीं लगा है। हालांकि पुलिस की शक की सुई नगर पालिका के ही एक कर्मी पर है। जिसे लेकर हर पहलू को खंगाल रही है।

सबसे खास बात यह है कि नगर पालिका में यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी कर्मचारियों को चपत लग चुकी है। कुछ महीने पहले ही ईपीएफ गोलमाल का मामला सामने आया। इसमें पालिका के एक जिम्मेदार की शह पर कार्य कर रहे संविदा कर्मी ही संलिप्त मिला। इससे पहले संविदा कर्मियों के भुगतान में से बिना किसी सूचना के कटौती कर ली गई थी। 

इसकी जानकारी कर्मचारियों को हुई तो विरोध करने लगे। इस पर उक्त संविदा कर्मी ने भुगतान किया। यह सबकुछ एक प्राइवेट कर्मी किसके इशारे पर कर रहा था, यह सबको पता है, इसके बावजूद आज तक कुछ नहीं हुआ। कहीं ना कहीं इस प्रकरण में विभाग के किसी जिम्मेदार की संलिप्तता होना तय है। हालांकि मामला अब पुलिस के पास है। ऐसे में हर कोई अपना-अपना दामन बचाने में लगा है।

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