आजम खान के गले की फांस बनता जा रहा जौहर विश्वविद्यालय, जांच में आठ सौ करोड़ से अधिक का खर्च आया सामने
राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जौहर विश्वविद्यालय को बनाने के पीछे उनकी मंशा जो भी रही हो, लेकिन अब वह उनके गले की फांस बन गया है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर ईडी और आयकर की लगातार जांच के चलते उन पर शिकंजा कसता जा रहा है।
पिछले माह आयकर की जांच में विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में छह विभागों द्वारा 106 करोड़ रुपये लगाए जाने के खुलासे की तपिश ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब नई जांच में आठ सौ करोड़ से अधिक खर्च किए जाने का मामला सामने आ गया है। शुक्रवार को रामपुर में ठेकेदारों के यहां आयकर की हुई छापेमारी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, आयकर विभाग ने सितम्बर में जौहर विश्वविद्यालय और आजम खान के ठिकानों पर जबरदस्त छापेमारी की थी। उस दौरान आयकर टीम को मिले दस्तावेजों से यह पता चला था कि छह सरकारी विभागों ने नियमों की ऐसी-तैसी कर विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में 106 करोड़ रुपये लगाए थे।
इसमें सीएंडडीएस, पीडब्ल्यूडी, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विभाग और संस्कृति विभाग का नाम सामने आया था। चूंकि यह मामला सरकारी विभागों के आर्थिक गड़बड़झाला से जुड़ा था, इसलिए इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला माना गया। लिहाजा आयकर विभाग की पहल पर इसकी विस्तृत जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की इंट्री हो गई।
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने अपने स्तर से इसकी जांच शुरू की। वहीं आयकर विभाग भी नए सिरे से जुटा रहा। दोनों की जांच के बाद विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में खर्च की जो ताजा तस्वीर उभर कर आयी है, वह आजम के लिए बेहद परेशान करने वाली है।
असल में आजम ने जो दस्तावेज दिए थे, उसमें कुल 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की जानकारी दी गई थी, लेकिन ताजा रिपोर्ट में आठ सौ करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने का हिसाब बन रहा है। इतना पैसा कहां से आया, कहां खर्च हुआ और इसमें किसकी भूमिका रही? इससे परदा उठाने के लिए ही आजम के करीबी ठेकेदारों के यहां छापेमारी किए जाने की बात कही जा रही है।
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