हल्द्वानी: हेपेटाइटिस की दवाओं का संकट, अधर में फंसे मरीज
एसटीएच और बीडी पांडे अस्पताल में बने हैं सेंटर, डेढ़ माह से कई दवाएं उपलब्ध नहीं
हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस की दवाओं का संकट हो गया है। जिस कारण मरीज बाहर से महंगे दाम में दवा खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। दवाएं महंगी होने से गरीब मरीजों का इलाज अधर में फंस गया है।
सरकार के नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत हेपेटाइटिस की जांच और इलाज निशुल्क किया जाता है। इसके लिए जनपद नैनीताल में दो सेंटर बनाए गये हैं। इनमें एक एसटीएच तथा दूसरा बीडी पांडे अस्पताल है।
दोनों ही सेंटरों में हेपेटाइटिस ए, बी और सी के मरीजों की जांच से लेकर दवाएं निशुल्क मुहैया कराने जाने की व्यवस्था है। लेकिन पिछले डेढ़ माह से हेपेटाइटिस बी और सी की कुछ दवाओं की किल्लत बनी हुई है। जिसके चलते मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।
मरीज दवाओं के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं भी दवा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में उन्हें बाहर मोटी रकम चुकाकर दवा खरीदनी पड़ रही है। इधर, मामले में एसटीएच के फार्मेसी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दवाओं के लिए निदेशालय को डिमांड भेजी गई है। लेकिन अभी तक दवा उपलब्ध नहीं हो पाई है। दवा आते ही तुरंत बंटनी शुरू हो जायेगी।
एसटीएच में बाहरी मरीजों की संख्या अधिक
हेपेटाइटिस की दवा के लिए एसटीएच में रोजाना मरीज आते हैं। इनमें बाहरी जनपदों व राज्यों के मरीजों की संख्या सबसे अधिक होती है। कुमाऊं का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के कारण यहां रोजाना सैकड़ों मरीजों को निशुल्क दवा दी जाती है। यहां कुमाऊं के अलावा रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज, बाजपुर, केलाखेड़ा, काशीपुर, जसपुर, बहेड़ी, बिलासपुर और मुरादाबाद तक से मरीज दवा लेने पहुंचते हैं।
रुद्रपुर जिला अस्पताल में भी दवा खत्म
हेपेटाइटिस की दवाओं का संकट जनपद नैनीताल ही नहीं, ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में भी हो गया है। यहां जिला अस्पताल में पिछले एक माह से हेपेटाइटिस की दवा खत्म है। हर दिन सैकड़ों मरीज मायूस होकर अस्पताल से लौट रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने दवा केंद्र के बाहर सूचना चस्पा कर दी है। जिसमें लिखा है कि 'काले पीलिया की दवाई वर्तमान में उपलब्ध नहीं है।' अस्पताल के पीएमएस डॉ. राकेश सिन्हा के अनुसार दवा के लिए डिमांड भेजी गई है।
हेपेटाइटिस दवा केंद्र के माध्यम से देहरादून आती है। अभी तक किसी भी अस्पताल से डिमांड नहीं आई है। डिमांड आने पर महानिदेशालय से दवा उपलब्ध करा दी जाएगी।
- डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ नैनीताल
हेपेटाइटिस की दवाओं की कोई किल्लत नहीं है। अस्पतालों से कोई डिमांड आई है। डिमांड आते ही दवाएं उपलब्ध करा दी जायेंगी।
- डॉ. राजेश ढकरियाल, जिला क्षय रोग अधिकारी नैनीताल
