कोयला भंडारों की स्थिति
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बिजली की औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी के बीच इस बात के संकेत हैं कि बिजली उत्पादन के लिए भारत का कोयला भंडार आदर्श स्तर से काफी नीचे है। कोयले के स्टॉक में गिरावट किसी चुनौती से कम नहीं है। चिंता की बात है कि देश में 86 बिजली संयंत्रों के पास कोयला भंडार सामान्य स्तर से भी कम है।
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के मुताबिक इन 86 ताप बिजली संयंत्रों के पास 18 अक्टूबर तक कोयले का भंडार ‘गंभीर’ स्तर पर था। बिजली संयत्र में कोयला भंडार की स्थिति तब गंभीर मानी जाती है, जब उसके पास कोयले का भंडार सामान्य स्तर की तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम रह जाता है।
इनमें से छह संयंत्र आयातित ईंधन पर आधारित हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर के शुरुआती दो सप्ताह के दौरान पावर प्लांट के कोयला भंडार में 12.6 फीसदी की गिरावट आई है और यह कम होकर 20. 58 मिलियन मीट्रिक टन रह गया है। यह नवंबर 2021 के बाद कोयले के भंडार का सबसे कम स्तर है।
सरकार के मुताबिक पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की पूर्ति के रास्ते में कोयला सेक्टर का बड़ा योगदान रहने वाला है। विस्तृत अध्ययनों के मुताबिक दुनिया के दूसरे क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ने कोयले से बिजली निर्माण की क्षमता में जिस दर से गिरावट लाने में कामयाबी पाई है उसके मुकाबले भारत के नवीकरणीय उर्जा सेक्टर की सफलता का स्तर काफी नीचे है।
यानि नवीकरणीय संसाधनों से पैदा होने वाली बिजली की क्षमता को बढ़ाने के लिए अब भी ज़रूरत के मुताबिक काम नहीं हो सका है। ध्यान रहे नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व के बावजूद कोयला भारत का प्रमुख ऊर्जा स्रोत बना रहेगा। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के लिए अपने पेशे से विस्थापित हुए श्रमिकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता को पहचानना भी आवश्यक है।
गौरतलब है कि देश के बारह प्रतिशत संयंत्र आयातित कोयले पर निर्भर हैं। आमतौर पर कोयला खानों के पास स्थित संयंत्रों में शुष्क ईंधन स्टॉक की स्थिति गंभीर नहीं होती है। वहीं जो संयंत्र कोयला खानों के पास नहीं हैं, उनके लिए कोयला दूरदराज से पहुंचाना पड़ता है।
बाधित आपूर्ति श्रृंखला ने इन संयंत्रों में कोयले के स्टॉक को प्रभावित किया है। आशंका है त्योहारों के सीजन में बिजली संकट न खड़ा हो जाए। इसके लिए रेलवे को नियमित आधार पर कोयला परिवहन के लिए प्रतिदिन अतिरिक्त रैक उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
