हल्द्वानी: नवरात्रि की अष्टमी पर अनिष्ट, 3 परिवारों में मौत से मचा कोहराम
हल्द्वानी, अमृत विचार। नवरात्रि की अष्टमी पर तीन परिवारों को घोर कष्ट का सामना करना पड़ा। तीन हादसों में तीन मौतों से कोहराम मच गया। पहले हादसे में तेज रफ्तार उत्तर प्रदेश रोडवेज की बस ने एक महिला को कुचल दिया। दूसरी मौत में केमू की बस ने एक बाबा को कुचल दिया और तीसरे मामले में घर से दूध बेचने निकले युवक की लाश सड़क किनारे पड़ी मिली। तीसरी मौत को लेकर पुलिस संशय में है। मामला हत्या का है या आत्महत्या का, इस पर पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।
मां के पैरों से गुजर गए बस के दोनों पहिए, बेटे को हल्की खरोंचें
हल्द्वानी : आदर्श कॉलोनी काठगोदाम निवासी राजेंद्र सिंह रुद्रपुर स्थित सिडकुल की एक कंपनी में काम करते हैं। राजेंद्र की पत्नी ज्योति जंतवाल (45) एलआईसी एजेंट के तौर पर करती थीं। एक बेटा एयरफोर्स में है और गुजरात में तैनात है। जबकि दूसरा बेटा गौरव साथ रहता है।
राजेंद्र का कहना है कि उनका दोमंजिला मकान बन रहा है। रविवार सुबह पत्नी ज्योति और बेटा गौरव घर से स्कूटी से निकले थे। वह रामपुर रोड घर के लिए टाइल्स देखने गए थे। गौरव स्कूटी चला रहा था। हीरो शोरूम से 50 मीटर दूर रामपुर डिपो की बस ने पीछे से स्कूटी को टक्कर मार दी। गौरव सड़क पर दूर जा कर गिरा, लेकिन ज्योति बस के आगे आ गईं। बावजूद इसके चालक ने बस नहीं रोकी।
बस के दोनों पहिए ज्योति की जांग से होकर निकल गए। चालक ने खुद को फंसता देखा तो बस छोड़कर मौके से फरार हो गया। आनन-फानन में राहगीरों ने टेंपो रोककर दोनों को सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय भेजा। गौरव को हल्की खरोंच लगीं, लेकिन दोनों पैर कुचल जाने से ज्योति की हालत नाजुक थी। चिकित्सकों ने खून का इंतजाम करने को कहा, लेकिन कुछ ही देर बाद ज्योति की मौत हो गई। पुलिस ने बस और स्कूटी को कब्जे में लेने के साथ शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
राजेंद्र बोले, रोक लेता तो नहीं होता हादसा
हल्द्वानी। राजेंद्र सिंह आदर्श कॉलोनी काठगोदाम में रहते हैं। उनके दो लड़के हैं। वह सिडकुल रुद्रपुर में नौकरी करते हैं। राजेंद्र रात ड्यूटी करने के बाद वह सुबह घर पहुंचे थे। बेटा और पत्नी जब सुबह टाइल्स देखने की बात कहकर स्कूटी निकाल रहे थे। तभी उन्हें अंदेशा होने लग गया था कि कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए। उन्होंने कहा कि एक बार बाहर भी निकले कि पत्नी और बेटे को रोक लूं, लेकिन रोक नही सके। कहा कि अगर मैं रोक लेता तो ये दुर्घटना नहीं होती।
दूसरा हादसा
सुबह दूध बेचने निकले, स्लाटर हाउस के पास मिली लाश
हल्द्वानी : सुबह घर से दूध बेचने निकले युवक लौट कर घर नहीं पहुंचा। दोपहर बाद घर मौत की खबर पहुंची तो कोहराम मच गया। युवक का शव बनभूलपुरा थानाक्षेत्र के स्लाटर हाउस के पास मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
देवला तल्ला पजाया गौलापार निवासी मोहन चंद्र पलड़िया (47) पुत्र केशव दत्त पलड़िया दूध बेचने का काम करते थे और यहां पत्नी व दो बेटों के साथ रहते थे। बताया जाता है कि रोज की तरह रविवार सुबह भी वह बाइक पर दूध बेचने घर से निकले थे, लेकिन दोपहर बाद भी लौट कर घर नहीं पहुंचे। इधर, स्लाटर हाउस के पास कुछ लोगों ने एक लाश पड़ी देखी तो पुलिस को खबर की। पुलिस मौके पर पहुंची मोहन के रूप में शिनाख्त हुई। मोहन के पास उसका मोबाइल और पैसे भी मिले। पास ही उसकी बाइक खड़ी थी और उस पर दूध की बाल्टियां लटकी थी। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता। वहीं परिजनों का कहना है कि मोहन डायबटीज के मरीज भी थे।
तीसरा हादसा
हल्द्वानी : केमू की बस की चपेट में आने से पीलीभीत उत्तर प्रदेश निवासी एक बाबा की मौत हो गई। पुलिस ने बस को कब्जे में लेकर शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया। देर शाम परिजन पीलीभीत से पहुंचे। पुलिस ने शव का पोस्टर्माटम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस के अनुसार संतोष (56) पीलीभीत उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। वह मांगकर अपना और परिवार का पेट पालता था। करीब साढ़े 4 बजे केमू की बस का चालक अपने घर बस लेकर जा रहा था। फतेहपुर-कटघरिया के बीच एक मंदिर है। मंदिर के पास संतोष खड़ा था। मंदिर के पास चढ़ाई होने के कारण बस पीछे को आ गई और संतोष बस के पीछले टायर के नीचे आ गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। काठगोदाम थाना इंचार्ज प्रमोद पाठक ने बताया कि बस को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।
