भारत की आजादी और विभाजन की गवाह रही आठ प्रतिष्ठित महिलाओं का परिचय देती एक किताब
नई दिल्ली। आजादी के साथ-साथ देश के विभाजन और बाद में कई युगांतकारी क्षणों के बारे में लिखने वाली आठ प्रतिष्ठित भारतीय महिलाओं का उल्लेख एक नई किताब में किया गया है और इसमें उनके विचार भी प्रस्तुत किए गए हैं।
रितु मेनन की ‘इंडिया ऑन देयर माइंड्स: 8 वीमेन, 8 आइडियाज ऑफ इंडिया’ बताती है कि कैसे नयनतारा सहगल, कुर्रतुलैन हैदर, राशिद जहां, इस्मत चुगताई, अतिया हुसैन, कमलाबेन पटेल, लक्ष्मी सहगल और सरला देवी चौधरानी ने अन्य चीजों के साथ मातृभूमि से अपने संबंधों और उनके लिए राष्ट्र या राष्ट्रवाद क्या था, के बारे में सोचा।
मेनन का कहना है कि भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने का इससे बेहतर कोई तरीका नहीं हो सकता कि इन आठ महिलाओं के भारत के विचारों को उनके शब्दों और लेखन में प्रस्तुत किया जाए। नयनतारा सहगल के अनुसार उनके उपन्यासों का मुख्य पात्र हमेशा भारत ही रहा है। मेनन का मानना है कि हैदर ने भी अपने उपन्यासों में भारत को मुख्य पात्र के रूप में रखा था, लेकिन उनका भारत महत्वाकांक्षी होने के बजाय, एक सभ्यतागत वास्तविकता था, जिसमें हजारों वर्षों के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक विकास का मिश्रण था।
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