लखीमपुर-खीरी: कबीरधाम में पूरी तरह आध्यात्मिक दिखे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
अलीगंज, अमृत विचार। कबीरधाम आश्रम मुस्तफाबाद में क्षमा देव, गुरमन देव स्मृति समारोह तथा राष्ट्रीय संत असंग देव के प्रकट दिवस पर आश्रम उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पूरी तरह से आध्यात्मिक दिखे, जिन्होंने आश्रम में पौधारोपण कर असंग साहेब के प्राकट्य दिवस पर उन्हें चांदी का मुकुट पहनाया।
कबीर धाम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन पर आश्रम के संतों ने फूल माला पहनाकर, पटाखे, ढोल नगाड़ों से स्वागत कर राष्ट्रीय संत असंग साहेब का आशीर्वाद लिया और आश्रम में ही पौधे रोपित किए। उन्होंने मंच पर पहुंचकर दीप प्रज्वलित करके सत्संग समारोह का शुभारंभ किया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सत्संग की शुरुआत भजन की चार लाइनों से की- नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का, सदा न रहेगा जमाना किसी का।
उन्होंने कहा कि जिनके संस्कार अच्छे होते हैं उनके विचार भी अच्छे होते हैं। भारत के प्रमुख स्थलों में एक कबीरधाम भी स्थल माना गया है। उन्होंनें राष्ट्रीय संत असंग साहेब के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए चांदी का मुकुट पहनाकर आशीवार्द प्राप्त कर कहा कि संत कबीर साहब से जुड़ा हर स्थान मेरे लिए तीर्थ स्थान जैसा होता है। बताया कि साहित्यकारों का मत है कि कबीर शब्द का अर्थ होता है महान या विशाल। संत कबीर की महानता उनके नाम का सार्थक करती है।
कोरोना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि परिवार, रिश्तेदारों को हमने देखा कि जिस समय कोरोना काल चल रहा था उस समय हम सबको रिश्तेदार और परिवार वाले छोड़ कर चले गए। भारत देश पर भी बोले कि जिस बॉर्डर पर हमें तिरंगा दिखे वहां से सुरक्षित ले आएंगे और भारत को मौका भी मिला और आगे के परिणाम में बताया कि पेट्रोल, डीजल और भी महंगा हो सकता है।
बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले कई वर्षों से अब कानून व्यवस्था में भी बहुत सुधार हो गया है। संत असंग साहेब ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। फिर वहीं पर संत असंग साहेब ने अपने सत्संग में बताया कि राजनेताओं के लिए संदेश है किं तुम देश दुनिया का नेतृत्व करने वाले हो और तुम पर दुनिया की आश की नजर है। असंग साहेब ने माता पिता, सास ससुर के लिए संदेश देते हुए कहा कि हे माता पिता, हे सास ससुर तुम परिवार को संस्कार एवं सभ्यता देने के लिए जिम्मेदार हो। नौजवानों को प्रेरणा देते हुए असंग साहेब ने कहा कि नौजवानों तुम देश के लिए साधारण नहीं हो।
उन्होंने बुजुर्गों को परिवार के देवता, पूज्यनीय और आदरणीय बताया। कहा कि सदाचार वह सूरज है जो मनुष्य की प्रतिभा को चार गुना अधिक चमका देता है। संत असंग साहेब की वाणी सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कार्यक्रम में गोला विधायक अमन गिरि, लखनऊ विधायक घनश्याम गुप्ता, पीलीभीत विधायक स्वामी प्रवक्तानंद, गोला नगर पालिका के अध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू समेत छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, नेपाल, दिल्ली आदि दूर दराज से आए श्रद्धालु और क्षेत्र के अनुयायी मौजूद रहे।
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