दिल्ली आबकारी मामला: संजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, अदालत ने ईडी हिरासत 13 अक्टूबर तक बढ़ाई 

दिल्ली आबकारी मामला: संजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, अदालत ने ईडी हिरासत 13 अक्टूबर तक बढ़ाई 

नई दिल्ली। यहां की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले से संबंधित धन शोधन मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के नेता एवं सांसद संजय सिंह की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत 13 अक्टूबर तक बढ़ा दी। ईडी अब तीन और दिन सिंह से पूछताछ कर सकेगी। विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश दिया।

यह भी पढ़े- पितृपक्ष के बाद मध्य प्रदेश चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करेगी कांग्रेस : कमलनाथ 

 ईडी ने संजय सिंह पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए उनकी हिरासत की अवधि पांच दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था। सिंह की हिरासत अवधि मंगलवार को समाप्त हो रही थी। ईडी की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि मामले में भारी-भरकम राशि का लेनदेन हुआ, जिसका पता लगाने के लिए सिंह से और पूछताछ करने की आवश्यकता है। सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने दावा किया कि ईडी के पास इस मामले में आप नेता की हिरासत बढ़ाने की मांग करने का कोई आधार नहीं है क्योंकि यह सह-अभियुक्त अमित अरोड़ा के ‘‘बदलते बयानों’’ पर आधारित है।

उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘मैं (सिंह) आपके मनगढ़ंत आरोपों को स्वीकार नहीं करूंगा।’’ हिरासत बढ़ाने को लेकर हुई जिरह के अंत में, सिंह ने न्यायाधीश के सामने दावा किया कि ईडी ने उन्हें ‘‘गुप्त उद्देश्य’’ से अपने कार्यालय से बाहर निकालने की कोशिश की। सिंह ने न्यायाधीश से कहा, ‘‘सुनवाई की पिछली तारीख पर आपके द्वारा (ईडी को) रिमांड दिए जाने के बाद, रात 10 बजे मुझे बताया गया कि मुझे कहीं और ले जाया जा रहा है। मैंने पूछा कि उन्होंने अदालत को सूचित क्यों नहीं किया। 

उन्होंने (ईडी अधिकारियों ने) कहा कि रासायनिक कीटनाशक के छिड़काव का कुछ मुद्दा है। उन्होंने कहा कि उनके पास ऊपर से लोगों के फोन आये हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं अदालत के आदेश के बिना बाहर नहीं जाऊंगा। उन्होंने मुझसे यह बात लिखित में देने को कहा।’’ आप नेता ने दावा किया, ‘‘अगले दिन उन्होंने (ईडी अधिकारियों ने) वही बात कही। उनका कुछ गुप्त उद्देश्य था। मैंने पूछा कि अगर मैं मुठभेड़ में मारा गया तो क्या होगा, कौन जिम्मेदार होगा? 

उन्होंने कहा कि वे जिम्मेदार होंगे। जब मैं मर गया तो जिम्मेदारी का क्या मतलब रह जाएगा। मैंने बार-बार अदालत का आदेश मांगा।’’ न्यायाधीश ने ईडी से पूछा कि वह सिंह से अपना कार्यालय छोड़ने की अनिच्छा के बारे में लिखित बयान क्यों चाहता है। इस पर, केंद्रीय एजेंसी ने सिंह के आरोप को खारिज किया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आपको उन्हें अदालत के आदेश के बिना कहीं नहीं ले जाना चाहिए।’’ 

इस बीच, अदालत ने संजय सिंह को पेशी के दौरान मीडिया से बात नहीं करने का निर्देश देते हुए कहा कि यह सुरक्षा समस्या पैदा करता है। न्यायाधीश ने उन्हें (सिंह को) अदालत में पेश किये जाने के दौरान उनसे सवाल नहीं पूछने का मीडिया कर्मियों को निर्देश दिया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह भी सुरक्षा समस्या पैदा करता है।’’ सिंह ने पेशी से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए दावा किया, ‘‘हमारे साथ ईमानदार लोग हैं, जबकि बेईमान लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हैं।’’

यह भी पढ़ें- पुडुचेरी की एकमात्र महिला मंत्री ने दिया इस्तीफा, मुख्यमंत्री रंगासामी का टिप्पणी करने से इनकार