मुरादाबाद : उपायों का दिखा असर, स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी से सुधरी रैंक
यूपी हेल्थ डैश बोर्ड की रिपोर्ट में प्रदेश में 23वीं रैंक पर है मुरादाबाद, अप्रैल में थी 39वीं रैंक, मई में सुधार के बाद 20वें स्थान पर था जिला, जुलाई में था 32वां स्थान
मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के प्रयास का असर यूपी हेल्थ डैश बोर्ड की रिपोर्ट में दिख रहा है। इस बार जारी रैंकिंग सूची में जिला 23वें नंबर है। इसमें और सुधार के लिए चिकित्सकों की कमी दूर करने, चिकित्सकों की कमी, अस्पतालों में उपकरणों के रखरखाव, परिवार नियोजन के उपाय अपनाकर जनसंख्या नियंत्रण, शिशु मातृ दर में कमी लाने पर जोर देना होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, शिशु मातृ दर में कमी, जनसंख्या नियंत्रण, टीकाकरण सहित 14 बिंदुओं पर बेहतर कार्य करने के मानक को देखते हुए यूपी हेल्थ डैश बोर्ड की रिपोर्ट प्रदेश के सभी जिलों के लिए जारी की जाती है। इस बार जारी सूची में जिले की 23वीं रैंक है। जो जुलाई की रैंक 32 से बेहतर हुई है। इसके पीछे ग्रामीण क्षेत्र में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर मरीजों का इलाज, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच व टीकाकरण आदि के प्रयासों में गंभीरता रही।
जननी सुरक्षा और जनसंख्या नियंत्रण के उपायों पर लोगों को जागरूक करने का परिणाम भी सकारात्मक मिला। रैंक में बेहतरी के लिए चिकित्साधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी बार-बार बैठकों में निर्देश देते रहते हैं। हालांकि मई में इससे भी अच्छी रैंक मिलने पर जिला 20वें स्थान पर आया था। मगर जून और जुलाई में रैंकिंग फिर पिछड़ गई थी। अप्रैल में गिरकर रैंक 39 पहुंच गई थी, मई में 20, जून में 25वीं रैंक जिले की थी। अब सितंबर की रैंक जारी होने की प्रतीक्षा चिकित्साधिकारियों को भी है। जिससे सुधार के प्रयासों का और कितना असर पड़ा उसकी परख हो सके।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक रघुवीर सिंह का कहना है कि मिशन की ओर से संचालित स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के आधार पर रैंक निर्धारित होती है। मुख्य रूप से शिशु मातृ दर में कमी, अस्पतालों में उपकरणों के रखरखाव व प्रबंधन, परिवार नियोजन उपायों के प्रति जागरूकता से जनसंख्या नियंत्रण, संस्थागत व सुरक्षित प्रसव कराने पर जोर रहता है। पहले से सेवाओं में सुधार हुआ। जिससे रैंक ऊपर आई। नई रैंकिंग की सूची इस महीने के अंत तक आएगी।
16 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्साधिकारी का इंतजार
पिछले महीने तक 38 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से केवल 11 में चिकित्साधिकारी की तैनाती थी। लेकिन, 29 सितंबर को वाक इन इंटरव्यू में 10 संविदा चिकित्सकों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिलाधिकारी की ओर से नामित कमेटी के माध्यम से की गई। अब 22 केंद्रों पर चिकित्साधिकारी हो गए। लेकिन, अभी भी 16 केंद्रों पर चिकित्साधिकारी की तैनाती का इंतजार है।
प्रमुख सचिव ने दिया था निर्देश
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने एक अक्टूबर को स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत एक घंटे के श्रमदान के अन्तर्गत जिले के नोडल के रूप में आए थे। उन्होंने श्रमदान के बाद जिला अस्पताल और कुन्दरकी सीएचसी का औचक निरीक्षण किया था। बेहतर चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए गंभीरता दिखाने का निर्देश दिया था। जिससे जिले की रैंक प्रदेश में और ऊपर उठ सके।
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