हल्द्वानी: सुभाष नगर में नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने पर High Voltage हंगामा

Amrit Vichar Network
Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। सुभाष नगर में नजूल भूमि पर टीनशेड तोड़ने पहुंची नगर निगम टीम की अवैध कब्जाधारकों से तीखी बहस हो गई। कब्जाधारकों के पक्ष में विधायक सुमित हृदयेश भी समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए तो हंगामा बढ़ गया। पुलिस की लोगों से धक्कामुक्की हुई। करीब 3 घंटे तक जोरदार हंगामा चलता रहा।

बाद में नगर निगम के अधिकारियों ने विधायक को अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण के दस्तावेज दिखाए तब कहीं जाकर मामला हंगामा थमा। इसके बाद नगर निगम ने अवैध टीन शेड और अंदर बने कमरों को बुलडोजर चलवा कर ध्वस्त कर दिया है।   
सुभाषनगर इलाके में हनुमान मंदिर के पास बनी एक दुकान और दो कमरों के मकान में जहीर बख्श पुत्र नूरबख्श और उनका परिवार रह रहा था।

जहीर ने बताया कि करीब 70 वर्ष पहले उनके पिता नूर बख्श ने एक महिला से 5000 रुपए में वह मकान खरीदा था। तब से उनका परिवार उसमें रहता आ रहा है। चार अक्तूबर को उन्हें नगर निगम का नोटिस मिला था। नोटिस में नजूल की भूमि पर बनी सार्वजनिक सड़क के हिस्से पर कब्जा कर भवन बनाकर रहने की बात कही गई थी। तीन दिन में भवन खाली करने की मोहलत दी गई थी। दिए समय में भी जहीर बख्श और उनके परिवार वालों ने भवन को खाली नहीं किया और हमेशा की तरह कपड़े प्रेस करने और उसमें रहने का काम जारी रखा।

इधर शनिवार की दोपहर 3 बजे सह नगर आयुक्त गणेश भट्ट, कर अधीक्षक महेश भट्ट व अन्य अधिकारी जेसीबी लेकर मकान तोड़ने के लिए पहुंचे। जेसीबी देखते ही परिवार वालों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया और निगम की कार्रवाई को रोक दिया। सूचना मिलते ही विधायक सुमित ह्रदयेश भी समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और विरोध करने लगे। इस बीच समर्थकों से पुलिस से तीखी झड़प धक्कामुक्की भी हो गई।

विवाद बढ़ता देख सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय और एसपी सिटी हरबंस सिंह भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और बातचीत की। इस बीच नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय मौके पर पहुंचे और हाईकोर्ट के स्टे खारिज होने और अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिखाया। इसके बाद जाकर विधायक माने और विरोध समाप्त किया। करीब तीन घंटे तक चले हंगामे के बाद अधिकारियों की मौजूदगी में निगम का बुलडोजर चलवाकर और भवन को ध्वस्त किया गया। 

सितंबर 2022 में खारिज हो चुका था स्टे 
जिस टीन शेड की छत वाले मकान को निगम की टीम ने तोड़ा उसके बचाव में एक पक्ष वर्ष 2017 में कोर्ट पहुंचा था। मामले में कोर्ट ने स्टे भी दिया था लेकिन सितंबर 2022 में कोर्ट ने स्टे को खारिज कर दिया। उसके बाद से प्रथम पक्ष दोबारा न कोर्ट पहुंचा और न ही बचाव के प्रयास किए। इधर, नगर निगम ने 4 अक्टूबर को नोटिस जारी कर तीन दिन में अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी।

सार्वजनिक सड़क बताया फिर एक ही क्यों तोड़ा 
विधायक सुमित ह्रदयेश ने जब निगम की ओर से भेजा गया नोटिस पढ़ा तो उसे लेकर आपत्ति जताई। विधायक का कहना था कि जो मकान तोड़ा गया है उसे निगम नजूल की भूमि पर बनी सार्वजनिक सड़क पर अतिक्रमण मानता है। 60 फिट की सड़क पर आगे तक लोगों के मकान व दुकानें बनी हुई हैं। इसके बाद केवल एक ही मकान को क्यों तोड़ा जा रहा है। अतिक्रमण क्या एक ही व्यक्ति ने किया है। 


सुभाष नगर जिस भूमि पर कब्जा है वह नजूल भूमि है। 4 अक्टूबर को नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने को 3 दिन की मोहलत दी थी। इसके बाद भी मकान को खाली नहीं किया गया। इस मामले में हाईकोर्ट से मिला स्टे भी खारिज हो चुका था। यह जानकारी विधायक को भी दी गई है। अतिक्रमण हटाने की पूरी कार्रवाई नियमानुसार ही की गई है।
= पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त