मुरादाबाद : गांवों में भी सीसीटीवी कैमरे से होगी निगरानी, थानाध्यक्ष करेंगे प्रेरित
सतर्कता : ग्राम प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी ग्रामीणों की राय पर तय करेंगे स्थल, ग्राम पंचायत के बजट से भी लगवा सकते हैं कैमरे
मुरादाबाद, अमृत विचार। अपराध में कमी लाने को पुलिस विभिन्न तरीके अपना रही है। इसी क्रम में शहर-कस्बों की तरह ही गांवों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो गया है। गांव में उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए जा रहे हैं। ताकि रात के समय में भी साफ तस्वीरें कैप्चर हो सकें। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम सात-सात कैमरे लगाए जाने हैं। ग्राम पंचायतों में कैमरे प्रमुख स्थलों, सामुदायिक शौचालय, ग्राम सचिवालय, उच्च-प्राथमिक विद्यालय, प्रमुख मार्ग, गांव के प्रमुख प्रवेश व निकासी द्वार व चौक-चौराहों पर लगेंगे।
- 643 ग्राम पंचायतें हैं जिले में
- 1153 राजस्व गांवों में लगाए जाने हैं कैमरे
- 7 कैमरे प्रत्येक गांव में लगाए जाने हैं
एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार ने प्रत्येक थानाध्यक्ष को इस संबंध में पत्र जारी कर निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में कैमरे लगवाने के लिए अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास ने जिलाधिकारी के माध्यम से निर्देश भी जारी किए हैं। प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी चाहे तो शासकीय बजट से या फिर जन सहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में भी सीसीटीवी लगाने के लिए पुलिस महानिदेशक ने हाल में निर्देश जारी किए थे। ये कैमरे ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत लगाए जा रहे हैं। पुलिस का मानना है कि कैमरे लगने से अपराध नियंत्रित होगा। अपराधियों की पहचान करना आसान होने के साथ ही घटना का खुलासा करना भी सरल हो जाएगा। अराजक, आपराधिक तत्वों पर निगरानी रखी जा सकेगी।
उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे होना जरूरी
गांवों में कैमरा लगाने के अभियान के क्रम में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना है। जिससे किसी परिसंपत्ति की हानि की दशा में सटीक फोटो प्राप्त हो सके। रात के समय में भी फुटेज कैप्चर हो सकें। उच्च गुणवत्ता के कैमरों के लिए मानकों का निर्धारण डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी।
अब तक लग गए 9514 कैमरे
थाना-कोतवाली और महानगर एवं कस्बों में अब तक जन सहयोग से कुल 9514 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि सभी कैमरों की गतिविधियों को एकीकृत पुलिस कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम से संबद्ध किया जाएगा। कैमरे लगने के बाद उनका निरंतर संचालन भी होता रहे, इसके लिए भी निगरानी की जा रही है। किसी कैमरे के संचालन बंद होने पर संबंधित थानेदार को फोन कर तत्काल उसके दुरुस्तीकरण के निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक लगाए गए कैमरों में 6000 सीसीटीवी कैमरों की कंट्रोल कमांड रूम से कनेक्टिविटी हुई है। इनमें से 800 कैमरों का डिस्प्ले कमांड रूम में प्रदर्शित भी होने लगा है।
डीजीपी के ये भी हैं निर्देश
- अपराध की दृष्टि से ग्रामीण क्षेत्रों के महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और उनकी मानीटरिंग हो।
- ग्राम सचिवालय में भी कैमरा लगे, उसकी कनेक्टिविटी संबंधित थाने, ब्लाक, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से भी की जानी चाहिए।
- सभी ग्राम पंचायतों में कैमरा प्रमुख स्थलों, सामुदायिक शौचालय, ग्राम सचिवालय, उच्च-प्राथमिक विद्यालय, प्रमुख मार्ग, गांव के प्रमुख प्रवेश व निकासी द्वार, चौराहा-तिराहा पर लगेंगे। व्यक्तिगत स्थानों पर कैमरे लगाना प्रतिबंधित रहेगा।
- गांव में कैमरे लगाने से पहले ग्राम पंचायत के संभ्रांत नागरिकों के साथ प्रधान, ग्राम स्तरीय कर्मियों की बैठक होगी। इसमें सभी की सहमति पर कैमरों की संख्या, स्थल पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
- कैमरों के लिए पर्याप्त स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। इसे एकीकृत पुलिस कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम से संबद्ध किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर फुटेज पुलिस को देने होंगे।
- कैमरों के लगाने के स्थलों का चयन प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी व अन्य सदस्य, जिनमें महिला स्वयं सहायता समूह व पंचायत सदस्य आदि लोगों की समिति करेगी। कैमरे सार्वजनिक स्थलों, कार्यालय व हाट बाजार जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर लगेंगे।
प्रत्येक थानाध्यक्ष को क्षेत्र के गांवों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के लिए प्रधानों, ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं अन्य गणमान्य नागरिकों को प्रेरित करने के लिए पत्राचार किया है। थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र के गांवों में लोगों से संपर्क कर उन्हें जन सहयोग या ग्राम पंचायत के बजट से सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे। कैमरे गांव में आने-जाने वाले मार्ग और अन्य प्रमुख रास्तों चौक-चौराहों पर लगेंगे।- सुभाष चंद्र गंगवार, एसपी ट्रैफिक
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