रुद्रपुर: पूर्व सभासद ने लगाया मेयर पर करोड़ों का घपला करने का आरोप

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। भूत बंगला के पूर्व सभासद रामबाबू ने नगर निगम के मेयर रामपाल सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अगस्त माह में बुलाई गई निगम बोर्ड की बैठक को करोड़ों का घपला करने वाली बैठक करार दिया। कहा कि जिसका संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने भी बैठक को अनुमान्य घोषित कर प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। पूर्व सभासद ने कहा कि निगम के घोटालों को जनता के सामने लाया जाएगा।

बुधवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व सभासद रामबाबू ने आरोप लगाया कि ईमानदारी का चोला पहनकर निगम के मेयर करोड़ों के घोटालों को अमलीजामा पहनाने की कोशिश कर रहे थे। जिसको अदालत ने भी बेपर्दा कर दिया। उन्होंने बताया कि 16 अगस्त 2023 को मेयर द्वारा निगम बोर्ड की बैठक बुलाई थी। जिसमें 64 स्वीकृत प्रस्ताव को रखा जाना था। मगर आठ अगस्त तत्कालीन नगर आयुक्त को शासन ने अतिरिक्त नगर आयुक्त के पद से मुक्त कर दिया था। बावजूद मेयर ने सांठगांठ कर आनन-फानन में 16 अगस्त को बोर्ड की बैठक बुलाई।

इसमें कार्यमुक्त नगर आयुक्त को भी शामिल किया और 64 प्रस्तावों को छिपाकर 36 प्रस्तावों में से 14 प्रस्ताव को स्वीकृत कर 37वें एजेंडे में मेयर द्वारा विवेकानुसार स्वीकृति देने पर मुहर लगा दी, जबकि नगर निगम एक्ट 1959 के तहत धारा 71 व 72 में स्पष्ट उल्लेखित है कि बैठक का एजेंडे 96 घंटे पहले पार्षदों को भेजा जाएगा।

इसके अतिरिक्त किसी भी कार्य या सुझाव पर कोई चर्चा नहीं होगी। वहीं कार्यमुक्त पदाधिकारी बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं होगा। बावजूद मेयर ने विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों के घोटाले करने का पूरा प्रयास किया। शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो सितंबर माह में नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका डाली गई। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने बोर्ड की बैठक में अनुचित व अनुमान्य बताते हुए सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि निगम के घोटालों को जनता तक पहुंचाया जाएगा।

पूर्व सभासद रामबाबू नहीं चाहते शहर का विकास: मेयर

रुद्रपुर। पूर्व सभासद रामबाबू नहीं चाहते हैं कि शहर का विकास हो। यही कारण है कि व्यक्तिगत राजनीतिक द्वेष भावना के चलते पिछले पांच साल के कार्यकाल में कई बार विकास कार्यों पर सवाल खड़े कर चुके हैं। 16 अगस्त को बोर्ड की बैठक नियमानुसार की गई थी। जिसको लेकर पूर्व सभासद द्वारा न्यायालय में याचिका डाली गई। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 16 अगस्त को बोर्ड की बैठक को दोबारा कराने के बाद नये नगर आयुक्त से पारित प्रस्तावों को अनुमोदित करने का आदेश दिया है, जबकि पूर्व सभासद अदालत का नाम लेकर भ्रामक प्रचार कर छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। जिसे जनता भली भांति समझ चुकी है। निगम विकास कार्यों के प्रति सजग है।

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