प्रधानमंत्री मोदी को भेंट में मिले 912 उपहार और स्मृतिचिन्ह की हो रही ई-नीलामी, कीमत 100 रुपये से 64 लाख तक 

प्रधानमंत्री मोदी को भेंट में मिले 912 उपहार और स्मृतिचिन्ह की हो रही ई-नीलामी, कीमत 100 रुपये से 64 लाख तक 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पिछले कुछ समय में मिलीं गुजरात के मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ की प्रतिकृतियां और वाराणसी के एक घाट की पेंटिंग समेत 900 से अधिक उपहारों और स्मृति चिह्नों को ई-नीलामी के लिए रखा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि ई-नीलामी सोमवार को शुरू हुई और 31 अक्टूबर को समाप्त होगी। इनमें से कुछ उपहारों को यहां राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) में प्रदर्शनी के लिए रखा गया है।

संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह नीलामी की श्रृंखला का पांचवां संस्करण है जिसमें पहली नीलामी जनवरी 2019 में की गयी थी। मोदी ने ‘एक्स’ पर प्रदर्शनी की कुछ तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा, ‘‘आज से एनजीएमए में शुरू हुई एक प्रदर्शनी में मुझे हाल के दिनों में प्रदान किये गये उपहारों और स्मृति चिह्नों को प्रदर्शित किया जाएगा।

भारत भर में अनेक कार्यक्रमों में मुझे दिये गये ये उपहार भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और कलात्मक धरोहर का प्रमाण हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमेशा की तरह, इनकी नीलामी की जाएगी और उससे प्राप्त राशि को नमामि गंगे परियोजना में दिया जाएगा।

’’ केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने सोमवार को एनजीएमए का दौरा किया और प्रधानमंत्री को मिले स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी के पांचवें चरण की घोषणा की। बाद में उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि नीलामी में रखी गयी वस्तुओं में 100 रुपये मूल्य की वस्तु से लेकर 64 लाख रुपये मूल्य तक की परेश मैती की एक पेंटिंग शामिल है।

ये भी पढ़ेंउज्जैन में खास सुरंग के जरिये हर रोज आठ लाख श्रद्धालु आसानी से कर सकेंगे महाकालेश्वर के दर्शन

संस्कृति मंत्रालय ने लेखी के हवाले से एक बयान में कहा, ‘‘पिछले चार चरण में 7,000 से अधिक वस्तुओं को ई-नीलामी के लिए रखा गया था और इस बार ई-नीलामी के लिए 912 वस्तु हैं।’’ बयान के अनुसार इनमें परंपरागत अंगवस्त्रम, शॉल, तलवार आदि हैं। वक्तव्य में कहा गया, ‘‘इस ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्पों की प्रतिकृतियां शामिल हैं।

चंबा रूमाल, पट्टचित्र, ढोकरा कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय कृतियां स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाती हैं, जो हमारे विविध समुदायों के मूर्त और अमूर्त दोनों पहलुओं की परिचायक हैं।

’’ उन्होंने कहा कि इस नीलामी से प्राप्त धन को केंद्र सरकार की नमामि गंगे पहल में योगदान के लिए दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा को संरक्षित करने और इसके संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री को अनेक मौकों पर प्रदान किये गये स्मृति चिह्नों और उपहारों की नीलामी अब चालू है। सभी से अनुरोध है कि ई-नीलामी में शामिल हों और नमामि गंगे परियोजना में योगदान दें।

ये भी पढ़ें- भोपाल में दौड़ी मेट्रो, सीएम शिवराज ने हरी झंडी दिखाने के बाद की सवारी