तो क्या अब खत्म हो जाएगा इसरो का चंद्रयान-3 मिशन?, इस वजह से अभी जिंदा है ISRO की उम्मीद
अभी तक विक्रम लैंडर और रोवर से इसरों का संपर्क नहीं हो पाया है। कुछ ही दिनों में शिव शक्ति प्वाइंट पर अंधेरा हो जाएगा। लेकिन चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से आस बनी रहेगी।
चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल लगातार 58 दिन से चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। जिस के जरिए इसरो को काफी डेटा मिला है। जिसे हम शेप के नाम से जानते है। जोकि ग्रहों पर जीवन के संकेत या इंसानों के रहने लायक ग्रहों की खोज करना है।
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शेप ग्रहों की जांच करने के लिए नियर-इंफ्रारेड वेवलेंथ का इस्तेमाल करता है। अब दिक्कत यह है कि ये तभी ऑन होता है जब यह धरती के विजिबल रेंज में आता है। जानकारी के अनुसार प्रोपल्शन मॉड्यूल का काम पहले सिर्फ विक्रम लैंडर को चांद की कक्षा में डालना था और उस से अलग होकर चांद का चक्कर लगाना था।
इसलिए इसरो अब इस शेप का पूरा इस्तेमाल कर रहा है। यह अभी कुछ महीने और काम करेगा। लेकिन PM में बचे ईंधन को देखकर लगता है कि यह कई वर्षों तक काम कर सकता है।
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