प्रयागराज : सपा विधायक इरफान सोलंकी के करीबी मुरसलीन खान को मिली सशर्त जमानत 

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी के करीबी मुरसलीन खान उर्फ भोलू को सशर्त जमानत दे दी है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की एकलपीठ ने याची की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याची के अधिवक्ता ने तर्क देते हुए कहा कि मौजूदा मामले में याची की कोई स्पष्ट भूमिका नहीं है। मामले में उसे गलत ढंग से फंसाया गया है। इसके साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि सह अभियुक्तों को इसी कोर्ट की समन्वय पीठ द्वारा पहले ही जमानत मिल चुकी है। याची के अधिवक्ता ने आगे बताया कि प्राथमिकी में याची का नाम दर्ज नहीं है बल्कि एक महीने बाद किसी निखिल के बयान के आधार पर अपराध में याची की संलिप्तता को दर्शाते हुए कहा गया कि वह भी आरोपियों के साथ घटना के समय मौजूद था। घटना के बाद से याची 24 जनवरी 2023 से जेल में निरुद्ध है। 

गौरतलब है कि  कानपुर नगर के जाजमऊ थाना में 8 नवंबर 2022 को नजीर फातिमा द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। प्राथमिकी के तथ्यों के अनुसार रिजवान और इरफान सोलंकी ने जबरन शिकायतकर्ता के प्लॉट पर कब्जा करने के इरादे से तब आगजनी और तोड़फोड़ करवाया, जब वह पूरे परिवार के साथ रिश्तेदार की शादी में गई हुई थीं। दोनों भाई लगातार शिकायतकर्ता के परिवार को प्रताड़ित कर रहे थे। मालूम हो कि रिजवान सोलंकी भू माफिया के रूप में चिन्हित हैं और उन पर जबरदस्ती लोगों की जमीन और संपत्ति पर कब्जा करने के आरोप हैं।

गुर्गे एजाजुद्दीन को भी मिली सशर्त जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी के गुर्गे एजाजुद्दीन उर्फ शबलू को सशर्त जमानत दे दी है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की एकलपीठ ने याची की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याची के अधिवक्ता ने तर्क देते हुए कहा कि मामले में याची की सीधे तौर पर संलिप्तता के प्रमाण नहीं मिलते हैं। उसे मुकदमे में गलत ढंग से फंसाया गया है। याची के अधिवक्ता ने आगे बताया कि प्राथमिकी में याची का नाम दर्ज नहीं था बल्कि एक महीने बाद मोहम्मद आसिफ के बयान के माध्यम से याची का नाम सामने आया। 

आसिफ ने अपने बयान में बताया था कि घटना से पहले एक मीटिंग हुई थी, जिसमें सभी अभियुक्तों के साथ याची भी शामिल था। घटना के बाद 7 नवंबर 2022 से याची जेल में निरुद्ध है। इसके साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया कि सह अभियुक्तों को इसी कोर्ट की समन्वय पीठ द्वारा पहले ही जमानत मिल चुकी है। अतः इस आधार पर याची भी जमानत का हकदार है। वहीं दूसरी ओर सरकारी अधिवक्ता ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची के विरुद्ध आगजनी जैसे गंभीर आरोप हैं और इसके आपराधिक इतिहास को सही रूप में नहीं दर्शाया गया है। 

गौरतलब है कि कानपुर नगर के जाजमऊ थाना में 8 नवंबर 2022 को नजीर फातिमा द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। प्राथमिकी के तथ्यों के अनुसार रिजवान और इरफान सोलंकी ने जबरन शिकायतकर्ता के प्लॉट पर कब्जा करने के इरादे से आगजनी और तोड़फोड़ करवाया था।

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