कुशीनगर: लंपी वायरस के लिए कुशीनगर जिले में बनाई गई 14 सर्विलांस टीमें

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Published By Deepak Mishra
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कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में सरकारी सूचना के अनुसार 141 गोवंश लंपी वायरस की चपेट में हैं जबकि 14 गोवंशियों की अब तक मौत हो चुकी है। गोवंशीय पशुओं में लंपी वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कल जिला के मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी ने पशुपालन विभाग के कर्मियों की बैठक ली, जिसमें इस बीमारी के बचाव हेतु तात्कालिक प्रकिया अपनाने पर बल दिया गया और बड़े स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। जनपद की सीमाएं सील कर दी गई हैं।

शासन की तरफ से खासतौर पर अपील की गई है कि यहां से न कोई पशु बाहर जाने पाए और न ही बाहर के पशु जिले में आएं। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। वहीं वास्तविक लंपी वायरस के चपेट में लगभग तीन सौ से ऊपर गोवंशीय पशु इस बीमारी से ग्रसित है। ब्लॉक स्तर पर 14 सर्विलांस टीमें बनाई गई हैं। जो अपने क्षेत्र के गांवों में भ्रमण कर लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं का इलाज कराएंगी। जो चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में कार्य कर रही हैं। इसके अलावा तीन मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस भी संचालित की जा रही हैं। मौजूदा समय में कुशीनगर जिले में 1,65,224 गोवंशीय पशु हैं।

लंपी वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। कुल 1,40,440 पशुओं को इस वायरस का टीका लगाने का लक्ष्य था।
इसके लिए 1.40 लाख डोज वैक्सीन प्राप्त हुई। इनमें से 1,16,300 पशुओं को टीका लगाया जा चुका है। विभाग की माने तो अब तक जिले के 256 गांवों में 1076 गोवंशीय पशु इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आए हैं। टीकाकरण और इलाज से 921 पशुओं की जान बचाई गई है‌ जबकि 141 पशु अभी भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में हैं।

इसके अलावा 14 पशुओं ने दम तोड़ दिया है। इसे देखते हुए शासन के निर्देश पर बिहार और अन्य जनपदों से लगने वाली जनपद की सीमाओं को सील कर दिया गया है। कड़ी चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है। शनिवार को जनपद के कुछ कान्हा पशु आश्रय केंद्रों के टीकाकरण की पड़ताल कराई गई तो वहां टीकाकरण स्थिति ठीक पाई गई। हाटा के कान्हा पशु आश्रय में कुल 40 पशु रखे गए हैं। लंपी रोग को देखते हुए यहां रखे गए सभी पशुओं को टीका लगवा दिया गया है। इसका संचालन नगर पालिका हाटा की ओर से किया जाता है।

पशु आश्रय केंद्र के केयर टेकर अभिषेक कुशवाहा ने बताया कि शासन से मिले निर्देश और अधिशासी अधिकारी अजय कुमार सिंह के आदेश पर किसी भी बाहरी पशु का प्रवेश बंद कर दिया गया है। लंपी रोग को देखते हुए पशुओं की नियमित जांच की जा रही है। अभी तक इस पशु आश्रय के किसी भी पशु में लंपी रोग का लक्षण नहीं मिला है।

कप्तानगंज नगर पंचायत के कान्हा पशु आश्रम में शनिवार को दोपहर एक बजे 31 पशु मिले। पशु आश्रम केंद्र में रामबहादुर, सुरसती देवी और राजेंद्र की ड्यूटी थी, जो पशुओं की देखभाल करते मिले। पशु चिकित्साधिकारी डॉ इशांत आनंद ने बताया कि इस केंद्र में 31 पशु हैं। लंपी डिजीज की आशंका को देखते हुए सभी पशुओं का टीकाकरण करा दिया गया है। आश्रय की सफाई और फागिंग भी कराई गई है। कोई भी पशु लंपी बीमारी से अभी तक पीड़ित नहीं हुआ है।

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