मणिपुर में इंटरनेट पर हटाया जाएगा प्रतिबंध, मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह ने की घोषणा

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Published By Vikas Babu
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इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। सिंह ने कहा कि चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर एयरटेल के दो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस साल तीन मई को चुराचांदपुर जिले में दंगे शुरू होने के बाद इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यहां सचिवालय में मीडिया को संबोधित करते हुए,  सिंह ने कहा कि मणिपुर सरकार ने मंत्री लेटपाओ हाओकिप की अध्यक्षता में अवैध प्रवासियों की आमद की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि समिति का काम जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस महीने के भीतर बायोमेट्रिक्स डेटा पूरा करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह अभी तक खत्म नहीं हुआ है। सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के लिए बायोमेट्रिक्स संग्रह को एक और साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की आमद रोकने के लिए 398 किमी लंबी मणिपुर म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि 79 किमी की दूरी पर बाड़ लगाने का काम शुरू होगा। 

भारत और म्यांमार में मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) है, जो दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी तक स्वतंत्र रूप से आने-जाने में सक्षम बनाती है। सिंह ने कहा, सीमा पर ठीक से बाड़ नहीं लगाई गई, जिससे एफएमआर ने मणिपुर में स्थिति खराब कर दी। उन्होंने कहा कि एफएमआर को रद्द करने की अनुशंसा की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अस्थायी घर बनाकर विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए काम शुरू कर दिया है। 

उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी अभी भी तनाव में हैं और लोगों को उन्हें परेशान करना बंद करना चाहिए। वीरेन ने कहा, “सरकार ने उन सभी संवेदनशील बिंदुओं की पहचान की है जहां से नागरिकों पर हमले की सूचना मिली थी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों को तैनात किया गया है। जिसके बाद, स्थिति में सुधार हुआ है। सरकार नशीली दवाओं के खिलाफ भी युद्ध जारी रखेगी।” 

उन्होंने घोषणा की कि पोस्ता की खेती का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाएगा और इसे नष्ट कर दिया जाएगा। सिंह ने नागरिकों से अपील की कि मणिपुर में नशीली दवाओं, नशीले पदार्थों, शराब के अधिक उपयोग से बचना चाहिए। इसी कारण दो जातीय समुदायों में संघर्ष हुआ, जिसमें सभी ने अपना कुछ न कुछ खोया ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भर में किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा रखे गए सभी अवैध हथियारों को 15 दिनों की अवधि के भीतर तुरंत आत्मसमर्पण कर दिया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों के सुरक्षा बल ऐसे हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में एक मजबूत और व्यापक तलाशी अभियान चलाएंगे और किसी भी अवैध हथियार से जुड़े व्यक्तियों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध हथियारों का इस्तेमाल कर जबरन वसूली, धमकी और अपहरण करने वाले उपद्रवियों, समूहों के खिलाफ राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।

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