अमेरिका के विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करेंगे रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र

रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने मिसिसिपी वैली स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका के साथ किया समझौता हस्ताक्षर

अमेरिका के विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करेंगे रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र

बरेली, अमृत विचार। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र अब अमेरिका के विश्वविद्यालय में जाकर भी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। वहां के छात्र और शिक्षक यहां भी आकर पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए कुलपति कार्यालय स्थित समिति कक्ष में गुरुवार को रुहेलखंड विश्वविद्यालय और मिसिसिपी वैली स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका के बीच एकेडमिक कार्यों को बढ़ाने और परस्पर शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।

यह भी पढ़ें- बरेली: आश्वासनों से जनता परेशान: बरेली में जनप्रतिनिधियों से नाराज जनता ने सड़क पर लगाए बैनर

कार्यक्रम की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के निदेशालय के निदेशक प्रो. सरबजीत सिंह बेदी ने अमेरिका से आए प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष डॉ. कैथी गोल्डन, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मिसिसिपी वैली स्टेट यूनिवर्सिटी, डॉ. लोकेश, डायरेक्टर इंटरनेशनल रिलेशंस और डॉ. वंदना सक्सेना प्रो. सीआईई शिक्षा विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय का स्वागत किया और उन्हें विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियां से परिचित कराया।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में नैक डबल प्लस रैंक अर्जित की है। डॉ. लोकेश ने कहा कि तीन महीने से इस समझौते के लिए कार्य किया जा रहा था। दोनों विश्वविद्यालयों की प्रगति में यह समझौता महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के पी सिंह ने कहा कि विभिन्न संस्थान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर तो लेते हैं लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि वह अपने संस्थानों को लाभ नहीं दिला पाते। कुलपति ने कहा कि दोनों ही विश्वविद्यालय मिलकर डुएल डिग्री प्रोग्राम चला सकते हैं और दोनों ही विश्वविद्यालय आपस में शिक्षक एवं छात्रों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

क्रेडिट ट्रांसफर के लिए महत्वपूर्ण रास्ते बनाए जा सकते हैं और जॉइंट डिग्री प्रोग्राम भी चलाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस समझौते के माध्यम से हम मिसिसिपी वैली स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर विद्यार्थियों के हित में काम करेंगे और आवश्यकता होने पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेंगे।

विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों को विदेश के विश्वविद्यालयों में और विदेश के विश्वविद्यालयों को अपने यहां आने के लिए प्रेरित करेगा। इसके बाद सभी संकायों के संकायाध्यक्ष के साथ एक चर्चा सत्र हुआ, जिसमे कई मसौदों पर आम सहमति बनी।

कुल सचिव अजय कृष्ण यादव, प्रो. भोला खान, प्रो. नवीन कुमार, प्रो. यतेंद्र कुमार, प्रो. शोभना सिंह, डॉ. अतुल कटियार, डॉ. मिनाक्षी द्विवेदी, प्रो. एसके पांडेय, प्रो. तूलिका सक्सेना, डॉ. अनिता त्यागी, डॉ. अमित सिंह, तपन वर्मा और सुधाकर मौर्य आदि उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें- बरेली: भाजपा के एक प्रमुख जनप्रतिनिधि का पूर्व चालक निकला स्मैक तस्कर, जानिए मामला